कोरोनावायरस महामारी के बीच बर्ड फ्लू भारत में तेजी से फैल रहा है. इसकी चपेट में कई राज्य आ चुके हैं. केरल ने तो इसे राजकीय आपदा घोषित कर दिया है. अब इस वायरस की वजह से पूरे देश में दहशत का माहौल बन रहा है. हालांकि, आपको घबराने की जरुरत नहीं है. बर्ड फ्लू यानी एवियन इंफ्लूएंजा का इलाज है. समय रहते अगर इसका इलाज हो जाता है तो आपको इस बीमारी से किसी तरह का खतरा नहीं है. आइए जानते हैं कि इस बीमारी का ट्रीटमेंट कैसे किया जाता है? (फोटोः गेटी)
आपको कैसे पता चलेगा कि बर्ड फ्लू का संक्रमण हो चुका है. बर्ड फ्लू होने पर आपको बुखार, बेचैनी, खांसी, गले में जलन, मांसपेशियों में दर्द, उल्टियां, डायरिया, सिर दर्द, जोड़ों में दर्द, थकान, नाक बहना, नींद न आना और आंखों में कंजक्टिवाइटिस जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं. जरूर नहीं कि सारे लक्षण एक साथ दिखें, लेकिन इनमें कुछ जरूर दिखाई दे सकते हैं. इसकी वजह से निमोनिया तक हो सकता है. (फोटोः गेटी)
किसी मरीज को बर्ड फ्लू है या नहीं इसकी जांच डॉक्टर पॉलीमिरेज चेन रिएक्शन (Polymerase Chain Reaction - PCR) के जरिए करते हैं. इस टेस्ट से पता चलता है कि आपके शरीर में बर्ड फ्लू के वायरस का न्यूक्लिक एसिड है या नहीं. इसके आधार पर डॉक्टर ये पता करते हैं कि इंसान के शरीर में किस तरह का बर्ड फ्लू वायरस है. यानी H5N1 है या H7N9 या कोई और वायरस है. अगर ऐसे पता नहीं चलता तो डॉक्टर खून की जांच करके एंटीबॉ़डी का पता लगाते हैं. (फोटोः गेटी)
अगर सही समय पर बर्ड फ्लू का इलाज नहीं होता है तो आपको इस तरह की गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. ये हैं- सांस लेने में दिक्कत, निमोनिया, एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS), पेट में तेज दर्द, फेफड़ों का खराब होना, शॉक, मानसिक स्थिति का बिगड़ना, सीजर, अंगों का काम बंद कर देना और अंत में मौत. हालांकि इसकी वजह से लोगों की मौत कम होती है. ज्यादातर लोग इलाज से ठीक हो जाते हैं. (फोटोः गेटी)
अगर इंसान को बर्ड फ्लू हो जाता है तो उसके लिए दुनियाभर में इलाज के तरीके मौजूद है. सबसे कॉमन इलाज का तरीका है एंटीवायरल ड्रग्स का इस्तेमाल. इसमें ओसेल्टामिविर (Oseltamivir), पेरामिविर (Peramivir) और जानामिविर (Zanamivir) जैसी एंटी वायरल दवाओं का उपयोग किया जाता है. ओसेल्टामिविर (Oseltamivir) को टेमीफ्लू (Tamiflu) नाम से भी जाना जाता है. जबकि, जानामिविर (Zanamivir) को रिलेंजा (Relenza) नाम से भी जानते हैं. (फोटोः गेटी)
बर्ड फ्लू से बचने का सबसे आसान तरीका है संक्रमित पक्षियों, इलाकों से खुद को दूर रखें. क्योंकि बर्ड फ्लू का वायरस पक्षियों के थूक, स्वैब और मल में होता है. तो संक्रमित इलाके से दूर रहने में ही भलाई है. क्योंकि इसका वायरस इंसानी शरीर में आंखों, नाक या मुंह के जरिए जा सकता है. हवा के साथ ये वायरस तैरते रहते हैं. (फोटोः गेटी)
अगर बर्ड फ्लू फैलने के बाद भी आपको मुर्गी या अंडा खाने का मन है तो आपको उसे कायदे से पकाना होगा. अगर अच्छे से पोल्ट्री उत्पाद नहीं पकाए गए तो आपको बर्ड फ्लू के अलावा कई अन्य तरह की बीमारियां भी होने की आशंका रहती है. जिस तरह से भारत में बर्ड फ्लू फैल रहा है, ऐसे में आपको चाहिए कि आप पोल्ट्री फार्म्स न जाएं, उन राज्यों में न जाएं जहां बर्ड फ्लू फैला हुआ है. बाहर से पका हुआ पोल्ट्री उत्पाद न खाएं. साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें. (फोटोः गेटी)
बर्ड फ्लू का खतरा सबसे ज्यादा किसे रहता है. बर्ड फ्लू होने का खतरा सबसे ज्यादा पोल्ट्री उत्पाद का व्यवसाय करने वाले लोगों, किसानों, संक्रमित इलाके में आने-जाने वाले लोगों, सही से नहीं पके मुर्गे या अंडा खाने वालों को, स्वास्थ्यकर्मी जो बर्ड फ्लू संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे हैं और संक्रमित व्यक्ति के घर के सदस्यों को रहता है. इसलिए बर्ड फ्लू से सतर्क रहने की जरूरत है. (फोटोः गेटी)