लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीनी सैनिकों के घुसपैठ की साजिश को भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया. इसके बाद भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों को सबक सिखाते हुए LAC पर उस ब्लैक टॉप पोस्ट को अपने नियंत्रण में ले लिया है जिस पर कब्जा करने के मकसद से 29 अगस्त की रात को चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश की थी. इस पूरी कार्रवाई की इनसाइड स्टोरी भी बेहद दिलचस्प है.
अभी तक ब्लैक टॉप पोस्ट पर किसी देश का कब्जा नहीं हुआ करता था, चीन इसी चोटी पर कब्जा करने की फिराक में था जिसे भारतीय जांबाजों ने नाकाम कर दिया. आजतक को मिली Exclusive जानकारी के मुताबिक भारतीय सेना ने ब्लैक टॉप पोस्ट से ना सिर्फ चीनी सैनिकों को खदेड़ा बल्कि उस इलाके में लगे चीन के कैमरों और सर्विलांस उपकरणों को भी हटा दिया है.
तीन महीने में दूसरी बार 29 अगस्त की रात को लद्दाख में जो हुआ, उसके बाद चीन को एक बात तो अच्छी तरह समझ में आ गई होगी कि अगर वो शेर है तो भारत सवा शेर है. मौजूदा तनाव के बीच ये पहली बार था जब चीन ने पेंगॉन्ग झील के दक्षिणी किनारे पर घुसपैठ की कोशिश की थी आजतक को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक भारतीय सेना ने न सिर्फ चीनी साजिश को नाकाम किया बल्कि ब्लैक टॉप पोस्ट नाम की एक ऐसी Strategic Height पर कब्जा भी कर लिया , जो रणनीतिक और सामरिक तौर से बेहद अहम है.
इतना ही नहीं, भारतीय सेना ने इस इलाके में चीनी सेना के कैमरों और सर्विलांस कैमरों को भी नष्ट कर दिया है जिन्हें चीन ने, भारतीय सेना की मूवमेंट पर नजर रखने के लिए लगाया था. कैमरों और निगरानी उपकरणों के बावजूद चीनी सेना को, ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारतीय सेना की मौजूदगी की भनक तक नहीं लगी और 29 अगस्त की रात को उसके सारे मंसूबे धरे के धरे रह गए.
चीन के करीब 500 सैनिकों ने 29 अगस्त की रात भारत के इलाकों पर कब्जा करने की कोशिश की लेकिन भारत की स्पेशल फ्रंटियर फोर्स के जवान पहले से ही तैनात थे जिन्होंने पहले तो चीन के सैनिकों को घुसपैठ करने से रोका और फिर उन्हें वापस खदेड़ दिया.
गलवान के बाद ये भारतीय सेना की तैयारियों का ही नतीजा था कि गलवान पार्ट-2 को नाकाम कर दिया गया. आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक भारतीय सेना को पहले से ही अंदाजा था कि चीन ऐसी कोई हरकत जरूर करेगा इसलिए उत्तराखंड में तैनात स्पेशल फ्रंटियर फोर्स के जवानों को लद्दाख भेजा गया.इस बटालियन की तैनाती पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी किनारे पर की गई.
इसके अलावा सेना ने टैंक और इनफैन्टरी गाड़ियों को भी पैंगॉन्ग के दक्षिणी किनारे पर तैनात कर दिया. भारत की इन तैयारियों की खबर मिलते ही चीनी सेना बौखला गई. इसी बौखलाहट में चीन के करीब 200 सैनिकों ने भारतीय इलाकों में घुसपैठ की कोशिश की लेकिन इन इलाकों में पहले से तैनात स्पेशल फ्रंटियर फोर्स के जवानों ने चीनी सैनिकों को उल्टे पांव लौटने पर मजबूर कर दिया.