उनका कहना है कि कभी-कभी, हालांकि, चंद्रमा नीला दिखता है. लेकिन यह वायुमंडलीय परिस्थितियों की वजह से नीला दिखता है न कि कैलेंडर के समय बदलने की वजह से. इसी तरह की घटना का एक प्रसिद्ध उदाहरण 1883 में हुआ, जब ज्वालामुखी क्राकोटा फट गया. ज्वालामुखी से निकलने वाली धूल से हवा में उठने के कारण चंद्रमा नीला दिखाई देने लगा. (Photo-getty image)