नागरिकता कानून (CAA) के विरोध में अपनी बेटी की पोस्ट पर सफाई देकर सौरव गांगुली सोशल मीडिया पर बुरी तरह घिर गए हैं. बीसीसीआई चीफ सौरव गांगुली ने बेटी सना गांगुली का पोस्ट वायरल होने के बाद कहा कि उनकी बेटी अभी छोटी है, उसे राजनीति से दूर रखें. गांगुली ने यह भी कहा कि राजनीति के बारे में कुछ भी जानने के लिए सना की उम्र कम है.
सौरव गांगुली के इस बयान के बाद लोग इंटरनेट पर सना गांगुली की उम्र भी सर्च कर रहे हैं. बता दें कि सना गांगुली 18 साल की हैं यानी वह मतदान के योग्य हो चुकी हैं. ऐसे में सौरव गांगुली का ये कहना कि वह अभी बच्ची हैं और उसे राजनीतिक मुद्दों की समझ नहीं है, लोगों के गले नहीं उतरा.
बता दें कि गांगुली की बेटी सना ने इंस्टाग्राम से एक पोस्ट शेयर किया था जिसमें उन्होंने नागरिकता कानून को लेकर विरोध जताया था.
सना ने खुशवंत सिंह की किताब ‘The End Of India’ का एक अंश शेयर किया था
जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न और फासीवादी
विचारधारा को लेकर विचार व्यक्त किए गए हैं.
इस अंश में लिखा था, हर फासीवादी शासन के फलने-फूलने के लिए ऐसे समुदायों और समूहों की जरूरत होती है जिन पर वह जुल्म ढा सके. इसकी शुरुआत एक या दो समूहों से होती है, लेकिन यह कभी भी वहीं खत्म नहीं होता.
पोस्ट में लिखा था, नफरत से खड़ा किया गया आंदोलन तभी तक चल सकता है जब लगातार भय और संघर्ष का
माहौल बना रहे. आज जो लोग यह सोच कर खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं कि
वो मुसलमान या ईसाई नहीं हैं, वो मूर्खों की दुनिया में जी रहे हैं. संघ
पहले से ही वामपंथी इतिहासकारों और पश्चिमी संस्कृति से प्रभावित युवाओं को
निशाना बना रहा है....
कल यह उन महिलाओं को निशाना बनाएगा जो स्कर्ट पहनती
हैं, उन्हें निशाना बनाएगा जो मांस खाते हैं, जो शराब पीते हैं, विदेशी
फिल्में देखते हैं, तीर्थयात्राओं पर नहीं जाते हैं, जो दंत मंजन की जगह
टूथपेस्ट इस्तेमाल करते हैं, जो वैद्य की जगह एलोपैथिक डॉक्टर से इलाज
कराते हैं, जो जय श्री राम की जगह स्वागत में हाथ मिलाते हैं. कोई सुरक्षित
नहीं है."
सना का पोस्ट वायरल होने के बाद सौरव गांगुली ने ट्वीट किया, "इस पूरे मामले से सना को बाहर रखें.....ये पोस्ट सही नहीं है... राजनीति के बारे में जानने के लिए उनकी उम्र काफी कम है." सोशल मीडिया यूजर्स सना को राय जाहिर करने से रोकने को लेकर सौरव की आलोचना करने लगे.
सौरव गांगुली के सफाई वाले ट्वीट पर शेहला रशीद ने लिखा, "सर, आपको अपनी बेटी पर गर्व होना चाहिए क्योंकि वह सही बात कह रही है. युवा लड़कियों को भी राजनीतिक राय रखने का उतना ही हक है जितना उम्रदराज लोगों को."
सौरभ श्रीवास्तव नाम के यूजर ने लिखा, सना 18 साल की हैं, शिक्षित हैं, वह अपने फैसले खुद ले सकती हैं, वह किताबें पढ़ती हैं. आप उसे भी वैसी ही आजादी दीजिए जैसे बतौर कप्तान आप अपने खिलाड़ियों को देते हैं.
कार्तिक दयानंद ने लिखा, हमारे बच्चे हमसे कहीं ज्यादा स्मार्ट और जिम्मेदार हैं. चाहे वह ग्लोबल वॉर्मिंग हो या राजनीति, वे हर वो चीज देख-समझ सकते हैं जिस पर हमारा ध्यान नहीं जाता.
एक यूजर ने लिखा, बीसीसीआई चीफ की कुर्सी खतरे में है. सना 18 साल की है लेकिन सरकार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए बहुत हिम्मत होनी चाहिए.
पुकेश शौरी ने लिखा, तुमने महसूस किया और उसकी अभिव्यक्ति भी की लेकिन तुम्हारे पिता ऐसा नहीं कर सकते हैं और ना ही करेंगे.
एक यूजर ने लिखा, वह 18 साल की है और खुशवंत सिंह के उपन्यास पढ़ती है. वह उपन्यास में लिखे हर शब्द का मतलब समझती है. लेकिन सौरव गांगुली के मुताबिक वह राजनीति का ककहरा समझने के लायक नहीं हुई है.
सना गांगुली इंस्टाग्राम पर काफी ऐक्टिव रहती हैं. इससे पहले भी एक पोस्ट
में उन्होंने नफरत की विचारधारा से दूर रहने वाला एक कोट शेयर किया था.