लोकसभा में सोमवार देर रात नागरिकता संशोधन विधेयक पास हो गया. इस बिल को कानून बनाने के लिए राज्यसभा से भी पास कराना होगा. नागरिकता संशोधन विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी समुदाय को भारतीय नागरिकता देने की बात कही गई है. जबकि विधेयक से मुस्लिम बाहर हैं. इसी को लेकर बिल का विरोध हो रहा है. इस बिल पर ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट और पूर्व आईएएस ऑफिसर हर्ष मंदर ने भी विरोध जताया है.
एक्टिविस्ट हर्ष मंदर ने ट्वीट करके कहा- 'अगर CAB (नागरिकता संशोधन विधेयक) पास हुआ तो ये मेरा नागरिक अवज्ञा होगा-
मैं आधिकारिक रूप से मुस्लिम बन जाऊंगा. मैं एनआरसी के लिए कोई भी डॉक्युमेंट देने से मना कर दूंगा. मैं मांग करूंगा कि मुझे वही सजा दी जाए जो बिना डॉक्युमेंट्स वाले मुस्लिमों को मिलेगी- डिटेंशन सेंटर और नागरिकता को वापस लिए जाने की सजा.) इस नागरिक अवज्ञा में हिस्सा लें.'
मुस्लिम बनने और एनआरसी के लिए डॉक्युमेंट नहीं देने की अपील करने वाला हर्ष मंदर का ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. उनके ट्वीट को 8 घंटे में 4 हजार से अधिक बार रीट्वीट किया गया. हालांकि, काफी लोगों ने उनकी अपील का विरोध भी किया है.
एक इंटरव्यू में मंदर ने यह भी कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक और राष्ट्रीय एनआरसी बंटवारे की यादों और तकलीफों को फिर से सामने ला देंगी. मंदर का आरोप है कि बीजेपी सिर्फ मुस्लिमों के लिए एनआरसी ला रही है, क्योंकि अन्य धर्म के लोगों को वह CAB के जरिए बचाने जा रही है.
बता दें कि सोमवार को करीब 7 घंटे की गर्मागर्म बहस के बाद लोकसभा से नागरिकता संशोधन विधेयक पास हो गया. 311 लोगों ने बिल के पक्ष में वोट किया, जबकि सिर्फ 80 लोगों ने बिल के विरोध में मत दिए. अब इस बिल को केंद्र सरकार राज्यसभा से पास कराने की कोशिश करेगी.