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जब चीन ने माना- नष्ट करवाए थे कोरोना वायरस के शुरुआती सैंपल

जब चीन ने माना- नष्ट करवाए थे कोरोना वायरस के शुरुआती सैंपल
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कोरोना वायरस को लेकर चीन और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ रहा है. अमेरिका के अलावा ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश भी जांच की मांग कर रहे हैं कि कोरोना कहां से फैला, लैब से या फिर जीव से.

बड़ी बात ये है कि 15 मई को खुद चीन ने ये मान लिया था कि उसने कोरोना वायरस के शुरुआती सैंपल नष्ट करवा दिए. अमेरिका पिछले महीने से ही चीन पर ये आरोप लगा रहा था. अमेरिका के विदेश मंत्री ने दावा किया था कि चीन ने वायरस के सैंपल नष्ट किए.
जब चीन ने माना- नष्ट करवाए थे कोरोना वायरस के शुरुआती सैंपल
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न्यूजवीक की रिपोर्ट के मुताबिक, 15 मई को चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन के सुपरवाइजर लीऊ डेंगफेंग ने माना कि 3 जनवरी को चीन की सरकार ने आदेश जारी किया था कि अनाधिकृत लैब से कोरोना वायरस के सैंपलों को नष्ट किया जाए.
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हालांकि, चीनी अधिकारी ने उन आरोपों का खंडन किया, जिनमें ये कहा गया था कि चीन ने कुछ छिपाने के मकसद से वायरस के सैंपल नष्ट किए. लीऊ डेंगफेंग ने दावा किया- 'लैब में बायोलॉजिकल सुरक्षा और आगे कोई दूसरा हादसा न हो जाए, इसलिए वायरस को खत्म करने को कहा गया.'
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चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन के अधिकारी ने बीजिंग में शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में वायरस के सैंपल खत्म करने की जानकारी दी. लीऊ डेंगफेंग ने कहा कि ऐसे सैंपल के लिए वे लैब अनाधिकृत थे और चीन के स्वास्थ्य कानूनों के तहत उन्हें वायरस को खत्म करना था.
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लीऊ डेंगफेंग ने कहा कि वायरस के सैंपल खत्म करने के आदेश तब जारी किए गए थे जब  SARS-CoV-2 को क्लास-2 या अत्यधिक रोगजनक वायरस के रूप में क्लासिफाइड कर दिया गया था.
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बीते महीने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा था कि तीन जनवरी का चीन का आदेश महामारी को छिपाने का प्रयास था. उन्होंने चीन पर कोरोना वायरस पर हो रहे रिसर्च को भी सेंसर करने का आरोप लगाया था.
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माइक पोम्पियो ने कहा था कि चीन ने वायरस पर हो रहे रिसर्च को सेंसर करके बीमारी के खिलाफ दुनिया की लड़ाई को प्रभावित करने की कोशिश की. उन्होंने कहा था- 'चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने वायरस से जुड़ी सूचनाएं दबाने की कोशिश की. ये वायरस कहां से फैला, कैसे फैला और इंसान से इंसान कैसे संक्रमित हो रहे थे, इसको लेकर जानकारी छिपाई. और WHO को भी इस काम में लगाया.'
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