कुछ दिन पहले राहत की खबर आई थी जब चीन ने ऐलान किया था कि वह हुबेई राज्य और वुहान शहर में लगाए गए लॉकडाउन को खोल रहा है. ऐसा लगा था कि चीन ने कोरोना पर काबू पा लिया है और अब लोगों की जिंदगी सामान्य हो रही है. लेकिन चीन में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है. इसको देखते हुए चीन ने फिर से एक नया 13 मंजिला हॉस्पिटल बना लिया है.
असल में रूस में भी अब कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. वहीं, रूस के बॉर्डर पर चीन ने 13 मंजिल के खाली इमारत को हॉस्पिटल में बदल दिया है. छह दिनों के भीतर ही हॉस्पिटल बनकर तैयार भी हो गया है.
चीन की सरकारी मीडिया के मुताबिक, देश में रूस से सबसे अधिक संख्या में कोरोना वायरस के संक्रमित आए हैं. काफी लोग सुइफेन्हे से ही चीन में दाखिल हुए. इनमें चीनी नागरिक भी शामिल हैं जो रूस में बिजनेस करते हैं.
अब तक सुइफेन्हे में विदेश से कोरोना के कम से कम 243 मामले आ चुके हैं. वहीं, कुल मामलों की संख्या 1000 हो गई है. इनमें काफी लोग ऐसे हैं जिनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिख रहे.
चीन के सुइफेन्हे में नए हॉस्पिटल में 580 बेड हैं. इसमें बिना लक्षण वाले मरीजों को आइसोलेट किया जाएगा. इससे पहले बुधवार को 70 हजार की आबादी वाले सुइफेन्हे शहर में चीन ने पूरी तरह लॉकडाउन का ऐलान कर दिया था.
6 अप्रैल को ही वर्कर्स ने सुइफेन्हे में हॉस्पिटल बनाने का काम शुरू किया था. अब हॉस्पिटल मरीजों को भर्ती करने के लिए तैयार है.
बीजिंग के एक्सपर्ट ने रूस के बॉर्डर पर स्थित सुइफेन्हे शहर में अस्थाई लैब भी तैयार किया है. इस लैब में रोज 1000 टेस्ट हो सकते हैं.
बता दें कि कोराना वायरस के जिन मरीजों में संक्रमण के लक्षण नहीं दिखते, उनसे भी अन्य लोगों में वायरस फैलने का खतरा बना रहता है.