अफगानिस्तान(Afghanistan) में तालिबान (Taliban) का नियंत्रण पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है. कई लोग इसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) की आलोचना कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को बुलाने का फैसला किया हालांकि बाइडेन ने कहा कि उनकी सेना लगातार लड़ने का जोखिम नहीं उठा सकती और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) को जिम्मेदारी उठानी चाहिए. इस बीच चीन (China) के सोशल मीडिया यूजर्स ने अमेरिका (America) पर तंज कसा है. (फोटो क्रेडिट: Getty images)
चीन (China) के ट्विटर(Twitter) जैसे प्लेटफॉर्म Weibo पर कई लोगों ने इस मसले को लेकर अपनी राय रखी है. इनमें से ज्यादातर लोगों का कहना था कि तालिबान ने 'शांतिपूर्ण' तरीके से अफगानिस्तान का टेकओवर किया है और इससे ज्यादा हिंसा तो 6 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान कैपिटल हिल में देखने को मिली थी जब ट्रंप समर्थक इस बिल्डिंग में घुस आए थे. (फोटो क्रेडिट: Getty images)
चीन के मशहूर मीडिया आउटलेट ग्लोबल टाइम्स के एडिटर इन चीफ Hu Xijin ने अपने ट्वीट में कहा कि चीन के सोशल मीडिया यूजर्स इस बात को लेकर मजाक कर रहे हैं कि अफगानिस्तान में बिना किसी हिंसा और खून-खराबे के सत्ता हस्तांतरण हो चुका है वही इससे ज्यादा उथल-पुथल और हिंसा तो अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में देखने को मिली थी. (फोटो क्रेडिट: getty images)
बता दें कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ घनी 15 अगस्त को अफगानिस्तान छोड़कर तजाकिस्तान के लिए निकल चुके थे. इसके बाद राष्ट्रपति भवन में कई तालिबानी लड़ाके भी नजर आए थे. उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट के सहारे कहा था कि अफगानिस्तान में खून-खराबा बढ़ने के बजाए ये बेहतर है कि मैं यहां से निकल जाऊं. वही सत्ता-हस्तांतरण के बाद चीन ने तालिबान को सपोर्ट भी किया है. (डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन, फोटो क्रेडिट: Getty images)
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनियांग ने कहा है कि चीन अफगानिस्तान के लोगों का अपने भविष्य के फैसला करने के अधिकार का सम्मान करता है और चीन अफगानिस्तान के साथ दोस्ताना सहयोग विकसित करते हुए अफगानिस्तान में शांति के लिए अहम भूमिका निभाना चाहता है. (चीन के ग्लोबल टाइम्स में तालिबान की खबर पढ़ता चीनी शख्स, फोटो क्रेडिट: Getty images)
चीन के विदेश मंत्रालय को उम्मीद है कि तालिबान बीते दौर का अपना वादा पूरा करते हुए अफगानिस्तान में एक खुली और समावेशी इस्लामिक सरकार को बातचीत के माध्यम से स्थापित करने की कोशिश करेगा. (शी जिनपिंग, फोटो क्रेडिट: Getty images)
गौरतलब है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के अंतिम दिनों में ट्रंप समर्थकों ने वॉशिंगटन स्थित कैपिटल हिल में जबरदस्त हंगामा किया था. हजारों की संख्या में ट्रंप समर्थक हथियारों के साथ कैपिटल हिल में घुसे थे. उन्होंने यहां तोड़फोड़ की थी और सीनेटरों को बाहर कर दिया था. लंबे संघर्ष के बाद इन लोगों को सुरक्षाबलों ने खदेड़ दिया था. (कैपिटल हिल हिंसा, फोटो क्रेडिट: getty images)
दरअसल, जनवरी 2021 में कैपिटल हिल में इलेक्टोरल कॉलेज की प्रक्रिया चल रही थी. इस प्रक्रिया के तहत जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने पर मुहर की तैयारी हो रही थी. उसी दौरान हजारों ट्रंप समर्थकों ने डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता में बनाए रखने और दोबारा वोटों की गिनती करवाने की मांग करते हुए कैपिटल हिल पर धावा बोला था. (कैपिटल हिल हिंसा, फोटो क्रेडिट: getty images)