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सीएमएचओ ने खुलवाईं 4 झोलाछाप डॉक्टरों की सील दुकानें, ताक‍ि लोग करा सकें इलाज

सीएमएचओ ने खुलवाईं 4 झोलाछाप डॉक्टरों की सील दुकानें
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मध्य प्रदेश के अशोकनगर ज‍िले से एक हैरान कर देने वाली खबर आई है. पहले ज‍िले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) ने चार झोलाछाप डॉक्टरों के क्ल‍िन‍िक सील क‍िए लेक‍िन बाद में यह कहकर चारों क्ल‍िन‍िक की सील खुलवा दी क‍ि लोग झोलाछाप डॉक्टरों को पसंद करते हैं, इसल‍िए इनके क्ल‍िन‍िक बंद नहीं होने चाह‍िए. इसमें स्थानीय व‍िधायक के दबाव की भी बात सामने आ रही है. 

सीएमएचओ ने खुलवाईं 4 झोलाछाप डॉक्टरों की सील दुकानें
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डॉक्टर शैलेंद्र रघुबंशी जो शाढ़ौरा में पदस्थ हैं और हड़ताल पर थे. उनका कहना है क‍ि गांव के लोगों की शिकायत आती थी क‍ि बंगाली डॉक्टर बहुत गलत इलाज कर रहे हैं, उनके कारण बहुत लोग मर रहे हैं. उनके पास ना तो कोई दस्तावेज है और न ड‍िग्री. सीएमएचओ साहब भी यहां आए. हमने उन डॉक्टरों की जांच की. उनके पास कोई वैलेड कागज नहीं थे, न कोई डिग्री मिली. सीएमएचओ साहब के आदेश अनुसार हमने उन पर कार्रवाई की थी.

आगे डॉक्टर ने बताया क‍ि हड़ताल पर जाने की वजह राजनैतिक दबाव है. हमको बोला गया कि आप चाबी वापस करिए, आप कार्रवाई नहीं कर सकते हैं, जिससे हमको और हमारे साहब को बहुत ही शर्मिंदगी महसूस हुई. हम कोरोना काल में पूरे जी जान से लगे हुए हैं. हमारा पूरा परिवार पॉजिटिव तो हुआ लेकिन हमने काम नहीं छोड़ा लेकिन बंगाली डॉक्टरों के चक्कर में हमारी क्या इज्जत रही उनके सामने. विधायक का फोन आया था क‍ि उनकी चाबी दीजिए और उन्हें काम करने दीजिए. बीएमओ साहब ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, इस तरह की स्थिति से हमारा मनोबल कम होता है.

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इस बारे में सीएमएचओ हिमांशु शर्मा का कहना है कि जो आरोप बीएमओ शाढ़ौरा द्वारा विधायक जी पर लगाए जा रहे हैं वह निराधार हैं. ऐसा कोई राजनीतिक दबाव नहीं बनाया जा रहा है. उन चारों डॉक्टरों की दुकानें मैंने सील की थी लेकिन लोकल के लोगों का कहना है कि लोग डर की वजह से शासकीय अस्पताल में इलाज कराने नहीं आ रहे हैं, छोटे-मोटे रोगों की दवा इसी तरह के डॉक्टरों से लेते हैं इसलिए उनकी क्ल‍िन‍िक की जरूरत है. अभी कुछ समय के लिए खुलवा दी जाए. इसलिए मैंने ही उन क्लि‍न‍िक को खुलवाया है. डॉक्टर ने इस्तीफा दिया था लेकिन इस्तीफा ऐसे नहीं दिया जाता. उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया, वह अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे.

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शाढ़ौरा के डॉक्टरों ने व‍िधायक पर जो आरोप लगाया, उसके जवाब में व‍िधायक ने अपनी सफाई दी. उन्होंने कहा क‍ि असल में इस समय जितने भी ग्रामीण क्षेत्र के डॉक्टर हैं, उन्होंने कोरोना काल में जबरदस्त मेहनत की है. मेरे पास गांव के लोगों के फोन भी आ रहे थे. इतने सालों से ये डॉक्टर काम कर रहे हैं, कम से कम इनको क्राइसिस के समय में तो चलने दें. हमने जनता से कहा भी क‍ि सरकारी अस्पताल में आओ इलाज कराने तो उन्होंने कहा हम तो इन्हीं से लेंगे दवाई और हम लोग इनकी दवाई से ठीक हो जाते हैं.

इस पर मैंने सीएमएचओ को बोला था कि आप इनको नोटिस देकर 1 महीने का समय दे दो,  अगर यह अपने कागज पेश करें तो ठीक, नहीं तो इनको एक महीने बाद कार्रवाई करें. इसपर सीएमएचओ ने कहा कि ठीक है सर, मैं बीएमओ को बोल देता हूं. फिर मेरे पास गांव के लोगों के फोन आए कि बीएमओ ने चाबी नहीं दी, तब मैंने बीएमओ को फोन कर केवल 4 शब्द बोले क‍ि मेरे पास ग्रामीणों के फोन आ रहे हैं, आप इनकी दुकानें खुलवा दो,  सीएमएचओ साहब से बात कर लो और इनकी चाबी दे दो. चाबी देकर मुझे बता देना.

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दबाव बनाने वाली बात पर विधायक बोले आप उनसे पूछ लें कि मैंने उनको कितने फोन किए और उनके पास रिकॉर्डिंग होगी. मैंने उनसे 10-12 सेकेंड की बात की थी, 10-12 सेकेंड में कोई कैसे दबाव बना सकता है. मेरे नेचर में नहीं है दबाव बनाना. ये डॉक्टरों के आपस का मामला है.

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