दुनिया भर में कोरोना वायरस महामारी के चलते जान-माल का नुकसान पहुंचा है. इस महामारी की वजह से लोगों के आर्थिक हालात बेहद खराब हुए हैं जिसके चलते उन्हें ना चाहते हुए भी कई गंभीर और खतरनाक कदम उठाने पड़े हैं. कुछ ऐसा ही ब्रिटेन की गर्ल स्टूडेंट्स के साथ भी हो रहा है. (प्रतीकात्मक तस्वीर/Getty Images)
इंग्लिश कलेक्टिव ऑफ प्रॉस्टीट्यूट नाम की एक प्रॉस्टीट्यूट यूनियन नाम की संस्था को लगातार यूनिवर्सिटी और कॉलेज से सेक्स वर्क को लेकर कॉल्स आ रहे हैं. साल 2021 में ये कॉल्स तीन गुणा ज्यादा बढ़ चुके हैं. इस कैंपेन ग्रुप के मुताबिक, इनमें से ज्यादातर स्टूडेंट्स के आर्थिक हालात खराब हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर/Getty Images)
इस ग्रुप की प्रवक्ता लॉरा वॉटसन ने मिरर वेबसाइट के साथ बातचीत में कहा- कॉलेज-यूनिवर्सिटी की ट्यूशन फीस में बढ़ोतरी और कोरोना महामारी के चलते कई ऐसी स्टूडेंट्स हैं जो प्रॉस्टीट्यूशन के सहारे अपना खर्च निकालने को मजबूर हो चुकी हैं. महामारी के चलते इन स्टूडेंट्स के लिए पारंपरिक जॉब्स भी काफी कम हो चुके हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर/Pexels)
वॉटसन ने आगे कहा कि आमतौर पर स्टूडेंट्स मॉल्स, शॉप्स या पब-बार में काम करते रहे हैं लेकिन महामारी के चलते इन पार्ट टाइम प्रोफेशन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है. ऑप्शन की कमी के चलते ही कई स्टूडेंट्स सेक्स वर्क में शामिल होने के लिए मजबूर हुई हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर/Pexels)
गौरतलब है कि इस संस्था की शुरूआत साल 1975 में हुई थी. इस संस्था का मुख्य मकसद सेक्स वर्कर्स को उनके अधिकारों के लिए जागरूक करना और सेक्स वर्कर्स की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है. (प्रतीकात्मक तस्वीर/Pexels)
वॉटसन ने कहा कि जब ब्रिटेन में लॉकडाउन लगा था तो बहुत सारी महिलाएं ओनलीफैंस जैसी वेबसाइट्स पर एक्टिव हो गई थीं और अपनी हॉट तस्वीरों के जरिए पैसा कमा रही थीं. इनमें से कई महिलाएं ऐसी भी हैं जो इन साइट्स पर काफी सफल हो चुकी हैं और अच्छा पैसा कमा रही हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर/Pexels)
हालांकि कई महिलाओं को इन वेबसाइट्स पर बेहद खराब अनुभव से गुजरना पड़ा है. वॉटसन ने कहा कि कई स्टूडेंट्स और महिलाओं हमारे पास शिकायत लेकर आती हैं और कहती हैं कि उनकी प्राइवेट तस्वीरों का कंटेट कहीं और रिपोस्ट कर दिया गया है. (प्रतीकात्मक तस्वीर/Pexels)
इसके अलावा कई ऐसी भी महिलाएं हैं जिनके क्लाइंट्स उनसे पर्सनल डिटेल्स लेने के बाद इसे सोशल मीडिया वेबसाइट्स पर पोस्ट कर देते हैं. ऐसे में इन स्टूडेंट्स और महिलाओं के लिए इन वेबसाइट्स पर जाना काफी चुनौतीपूर्ण भी होता जा रहा है. (प्रतीकात्मक तस्वीर/Pexels)
पिछले साल 3200 स्टूडेंट्स को लेकर सर्वे हुआ था जिसमें चार प्रतिशत स्टूडेंट्स ने कहा था कि वे अपने कोर्स को फंड करने के लिए सेक्स वर्क का सहारा ले रही हैं. इसके अलावा 10 में से एक स्टूडेंट ने कहा था कि कैश की इमरजेंसी होने पर वे प्रॉस्टीट्यूशन का सहारा ले सकती हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर/Pexels)
गौरतलब है कि पिछले एक दशक में ब्रिटेन में कॉलेज की फीस में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है और कोरोना ने हालातों को बदतर बनाया है. इनमें से ज्यादातर स्टूडेंट्स और महिलाएं अपने इस प्रोफेशन के बारे में घरवालों को नहीं बताती हैं. वही इस मामले में वर्कर्स ऑफ इंग्लैंड यूनियन स्टूडेंट्स के खर्चों को कम करने का अभियान चला रही है. (प्रतीकात्मक तस्वीर/Pexels)