कोरोना वायरस एक बार फिर देश में तेजी से पैर पसारने लगा है. वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद भी महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में नए संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. कोरोना ने लोगों के जीवन जीने के तरीके को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है. हालांकि कोरोना से जंग जीत चुके लोगों की जीवन शैली पर इस वायरस ने बुरा प्रभाव डाला है. कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों में इसके दीर्घकालिक और जटिल लक्षण दिख रहे हैं. डॉक्टरों ने इन समस्याओं को लेकर लोगों को सचेत किया है.
डॉक्टरों ने कोरोना से संक्रमित होने वाले मरीजों में इससे उबरने के बाद भी अक्सर थकान, सीने में दर्द और सांस की तकलीफ जैसी समस्याओं को पाया है. लोग इससे जूझ रहे हैं. कोरोना फैलाने के लिए जिम्मेदार वायरस SARS-CoV-2 की वजह से फेफड़ों में परिवर्तन हो रहा है. फेफड़ों के ऊतकों और थैलियों को इस वायरस ने बुरी तरह प्रभावित कर दिया है जिससे लोगों को श्वसन संबंधी दीर्घकालिक समस्याएं हो रही हैं.
इसके अलावा कोरोना से जूझ चुके लोगों को असामान्य हृदय गति, तेज धड़कन, सीने में दर्द जैसी समस्या का भी सामना करना पड़ा रहा है. ये सभी लक्षण कोरोना संक्रमितों में भी पाए जाते हैं. इसके अलावा, रक्त के थक्कों का गठन, हृदय की मांसपेशियों में सूजन और दिल का दौरा पड़ने की संभावनाएं भी प्रमुख स्वास्थ्य जोखिमों में से हैं, जिन्हें SARS-COV-2 वायरस ट्रिगर कर रहा है.
इसके अलावा डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना का सामना कर चुके लोगों की किडनी को भी नुकसान पहुंचा है. अगर किसी व्यक्ति को पहले से डायबिटीज रहा है या फिर हाई ब्लड प्रशेर का मरीज है और उसे कोरोना हो जाता है तो उसकी समस्या और बढ़ जाती है. ऐसे लोगों के जीवन और शरीर को ज्यादा जोखिमों का सामना करना पड़ रहा है.
कोरोना से पीड़ित रह चुके लोगों ने मस्तिष्क में गंभीर सूजन, स्ट्रोक और दौरे का हल्का अनुभव किया है. ठीक होने के बाद भी, रोगियों ने रिकवरी के बाद मानसिक भ्रम, सिरदर्द, चक्कर आना और ठीक से दिखाई नहीं देने की समस्याओं की शिकायत की है. गंध और स्वाद की कमी भी लोगों ने महसूस किया है. ये सभी कोरोना के दीर्घकालिक प्रभाव के कुछ लक्षण हैं.
आंतरिक अंगों को दीर्घकालिक नुकसान के अलावा, COVID-19 ने शरीर की बाहरी परतों को भी प्रभावित किया है. त्वचा पर चकत्ते और बालों का झड़ना भी कोरोना वायरस के कुछ प्रभाव हैं, जो लोगों पर भारी पड़े हैं. महामारी ने लोगों के शारीरिक स्वास्थ्य पर भारी असर डाला है, इसका लाखों लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ा. तनाव और चिंता से पीड़ित होने से, अध्ययनों ने COVID-19 से पीड़ित रोगियों में मानसिक व्यवहार की सूचना दी है.
कोरोना वायरस के गंभीर दीर्घकालिक परिणामों को देखते हुए डॉक्टरों ने लोगों को सतर्क रहने और घातक वायरस के सभी संकेतों से अवगत रहने की चेतावनी दी है. डॉक्टरों ने कहा कि यदि किसी में COVID-19 से जुड़े लक्षण विकसित होते हैं तो उन्हें तुरंत अपना टेस्ट करवाना चाहिए और संक्रमण को रोकने के लिए खुद को क्वारंटीन कर लेना चाहिए.