कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने एक बार फिर दुनिया को परेशान करना शुरू कर दिया है और भारत समेत कई देशों में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में सभी देश कोरोना को हराने के लिए वैक्सीनेशन में तेजी लाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को सुरक्षित करें और संक्रमण को फैलने से रोका जाए. इस क्रम में कई देशों में बड़ी आबादी तक वैक्सीन नहीं पहुंच पाई है लेकिन भूटान ने इस मामले में बाजी मार ली है. भूटान में सिर्फ 16 दिनों के वैक्सीनेशन ड्राइव में अब देश के 93 फीसदी व्यस्कों को टीका लगा दिया गया है. भूटान में अब वैक्सीनेशन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. (सभी तस्वीरें - सोशल मीडिया/@PMBhutan)
भारत और चीन के बीच बसे इस छोटे से पहाड़ी देश में 27 मार्च को वैक्सीनेशन की शुरुआत की गई. भूटान ने अपनी व्यस्क आबादी के लगभग 93 प्रतिशत लोगों को टीका लगा दिया है. भूटान की कुल आबादी 800,000 है जिनमें 62 फीसदी लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है.
भूटान की छोटी आबादी ने वैक्सीनेशन ड्राइव में तेजी लाने में मदद की है लेकिन इस सफलता का श्रेय वहां के समर्पित नागरिक स्वयंसेवकों को दिया जा रहा है. बता दें भूटान ने जनवरी में पड़ोसी भारत से एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की पहली 150,000 खुराक प्राप्त की, लेकिन मार्च के अंत में बौद्ध ज्योतिष में शुभ दिन के साथ वैक्सीनेशन की शुरुआत की गई.
बौद्ध प्रार्थनाओं के बीच एक महिला को वैक्सीन देकर इसकी शुरुआत की गई थी. 30 वर्षीय महिला डेमा ने कहा था कि, "मेरा यह छोटा सा कदम आज हम सभी को इस बीमारी से बचाने में मदद करेगा."
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव डॉ पांडुप ताशरिंग ने कहा कि अभी भी उन लोगों को टीका लगाया जा रहा है जो अभियान की अवधि के दौरान टीका नहीं लगवा पाए थे. भूटान में पूरी आबादी को कवर करने के लिए वैक्सीन की पर्याप्त खुराक मौजूद थी.
भूटान में कोरोना वायरस के 910 संक्रमित मामले पाए गए हैं. जबकि एक शख्स की मौत वहां कोरोना वायरस से हुई है. वहां देश में आने वाले सभी लोगों के लिए 21 दिनों तक क्वारंटीन में रहना अनिवार्य है. सभी स्कूलों और शैक्षिक संस्थानों में शैक्षणिक गतिविधि चल रही है लेकिन वहां COVID-19 प्रोटोकॉल के अनुपालन की निगरानी की जाती है.