कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में 24 मार्च से लॉकडाउन जारी है. इस लॉकडाउन का सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव एयरलाइंस कंपनियों पर पड़ा है. अलग-अलग हवाई अड्डों पर सैकड़ों विमान उड़ान के इंतजार में खड़े हैं. अब 17 मई को तीसरे चरण के लॉकडान के खत्म होने के बाद एविएशन कंपनियां एक बार फिर से फ्लाइट ऑपरेशन शुरू होने की उम्मीद कर रही हैं. ऐसे में एयरपोर्ट पर कोरोना संक्रमण से यात्रियों को बचाने के लिए जरूरी तैयारियां भी की जा रही हैं.
दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यात्रियों को लॉकडाउन खत्म होने और उड़ानों के फिर से शुरू होने पर अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली का अनुभव होगा.
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने इसको लेकर कहा कि कोरोना वायरस से यात्रियों की सुरक्षा के लिए कई तकनीकी प्रक्रियाओं की शुरुआत की गई है. इसमें "विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए यूवी (पराबैंगनी) आधारित सुरंगों में चेक प्वाइंट ट्रे और सामान को कीटाणुरहित करने के लिए, टर्मिनल क्षेत्र में फ्लोर पर कीटाणुरहित और यूवी युक्त डिवाइस के लिए मोबाइल यूवी टॉवर का इस्तेमाल शामिल है. इसके अलावा, यात्री ट्रॉली कीटाणुशोधन प्रणाली और यात्री सुरक्षा के लिए सैनिटाइजर मैट जैसी सुविधाओं की शुरुआत होगी.
इतना ही नहीं यात्री खुद बैगेज रिक्लेम हॉल में अपने बैग की कीटाणुशोधन प्रक्रिया को लाइव देख पाएंगे. यूवी स्कैनिंग प्रक्रिया का एक लाइव सीसीटीवी फीड उसी के लिए उपलब्ध कराया जाएगा.
नई व्यवस्था को लेकर डीआईएएल के प्रवक्ता का कहना है, "इस प्रक्रिया को विकसित करने, अलग-अलग स्थानों पर परीक्षण की सुविधा के लिए और इसके सकारात्मक परिणाम को अंतिम रूप देने के लिए लगभग पांच दिनों तक लगातार काम किया गया है.
चूंकि कई यात्री लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के साथ यात्रा करते हैं इसलिए एयरपोर्ट पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को कीटाणुरहित करने के लिए हैंडहेल्ड कीटाणुशोधन तकनीक का इस्तेमाल होगा. यात्री के जूते भी वायरस का एक संभावित स्रोत हो सकते हैं इसलिए मैट पर सैनिटाइज़र रसायनों का इस्तेमाल होगा जो यात्रियों के जूते को कीटाणुरहित कर देगा. इसका इस्तेमाल टर्मिनल के सबसे व्यस्त क्षेत्रों में किया जाएगा.
वहीं वॉशरूम यात्री सेंसर-आधारित नल और सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है जो पैरों से संचालित होगा. पानी भी पैडल से संचालित होगा और सेंसर आधारित भी होगा. यह सब उपयोग को कम करने और जोखिम में कमी लाने के लिए किया गया है.
डीआईएएल के प्रवक्ता ने कहा, “डायल इस कोरोना वायरस संकट के दौरान चौबीसों घंटे काम कर रहा है, जिसका एकमात्र उद्देश्य अपने यात्रियों को किसी भी कीमत पर सुरक्षित रखना है.