कुछ ही दिन पहले दुनिया भर के एक्सपर्ट्स की सलाह के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्वीकार किया था कि कोरोना वायरस हवा में भी मौजूद हो सकता है. अब कुछ एक्सपर्ट्स ने कहा है कि लोग कोरोना वायरस से बचने के लिए अपने एसी बंद कर दें, अगर उसी जगह पर संक्रमित व्यक्ति के मौजूद होने की आशंका हो. ऐसा न करने पर सोशल डिस्टेंस का पालन करने के बावजूद संक्रमण फैल सकता है.
ब्रिटिश टेलिग्राफ में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, एयर कंडिशनर्स दो तरह के होते हैं. एक जो बाहर की हवा खींचते हैं और दूसरा वे जो कमरे की हवा को ही रिसर्कुलेट करते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि संक्रमण का खतरा होने पर लोग दूसरे प्रकार के एसी को बंद कर दें या फिर खिड़कियां खोल दें.
लंदन के चार्टर्ड इंस्टीट्यूशन ऑफ बिल्डिंग सर्विस इंजीनियर्स का कहना है कि जिन एसी में बाहर की हवा का इस्तेमाल नहीं होता हो वे कमरे में वायरस फैलाने का काम कर सकते हैं. इसकी वजह से रेस्त्रां वगैरह में संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है.
ब्रिटेन के रॉयल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग से जुड़े डॉ. शॉन फिट्जगेराल्ड ने कहा कि खतरा कम करने के लिए एसी ऑन रखने के दौरान खिड़की खोल देना एक बढ़िया विकल्प हो सकता है. या फिर ठंडी हवा के साथ रहने की इच्छा लोग त्याग दें और एसी बंद कर दें.
अप्रैल में रिसर्चर्स ने कहा था कि चीन के गुआनझोऊ के एक रेस्त्रां में जनवरी में खाना खाने गए कम से कम 9 लोग कोरोना संक्रमित हो गए. इसके पीछे रेस्त्रां के एसी को ही जिम्मेदार ठहराया गया था.
Emerging Infectious Diseases जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, वुहान का एक परिवार गुआनझोऊ के रेस्त्रां में खाने के लिए आया था. परिवार का एक सदस्य बिना लक्षण के संक्रमित था. बाद में पता चला कि रेस्त्रां में उनके बगल के टेबल पर खाना खा रहे लोग भी संक्रमित हो गए हैं. जबकि टेबल के बीच की दूरी 3 फीट थी.
हालांकि, रिसर्चर्स का ये भी कहना है कि हवा में कोरोना वायरस कुछ ही समय तक मौजूद रहता है और थोड़ी दूर तक ही ट्रैवल कर सकता है. इससे पहले 200 से अधिक एक्सपर्ट्स ने WHO को पत्र लिखकर मांग की थी कि संगठन हवा में कोरोना की मौजूदगी को देखते हुए अपनी गाइडलाइन बदले.