कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा ऐलान करते हुए अमेरिका में नेशनल इमरजेंसी की घोषणा कर दी है. इसके साथ ही अमेरिका में 20 साल बाद संक्रामक रोग आपातकाल घोषित किया गया है.
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दरअसल, कोरोनावायरस के चलते अमेरिका में 40 लोगों की जान जा चुकी है.
इसके बाद ट्रंप प्रशासन ने इस खतरनाक संक्रमण से निपटने के लिए अभूतपूर्व
आर्थिक और वैज्ञानिक उपायों का सहारा ले लिया है. आइए जानते हैं कि आपातकाल
लगाने के बाद अमेरिका कैसे कोरोना से निपटेगा.
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इस सबकी शुरुआत तब
हुई जब अमेरिका की विपक्षी पार्टियां ट्रंप प्रशासन पर लगातार आरोप लगा
रही थीं कि सरकार कोरोना से निपटने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं कर रही
है. इसके बाद ट्रंप ने 1988 के एक कानून के तहत राष्ट्रीय आपातकाल घोषित
करने का फैसला किया है.
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मिलेगा 50 अरब डॉलर का फंड:
ट्रंप के इस
एक्शन से कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए 50 अरब डॉलर का फंड मिल
जाएगा. ट्रंप ने कहा कि अमेरिका की केंद्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय
एजेंसियां कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए इस फंड का इस्तेमाल
करेंगी.
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प्रशासन को मिलेगा ये भारी भरकम पैकेज:
ट्रंप के इस कदम
से अमेरिकी प्रशासन के लिए खजाना खोल दिया गया है. अभी तक प्रशासन अपने
स्तर पर तो इससे लड़ ही रहा था, अब वायरस से लड़ने के लिए अलग से 50 अरब
डॉलर यानी कि लगभग 37 खरब रुपये का इस्तेमाल होगा
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इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर शुरू होगा:
डोनाल्ड ट्रंप ने राज्यों से कहा कि वे तत्काल अपने-अपने क्षेत्रों में आपातकाल ऑपरेशन सेंटर को प्रभावी रूप से चालू करें. उन्होंने कहा कि जो इस बीमारी से पीड़ित हैं उन्हें अच्छा से अच्छा इलाज दिया जाए.
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टेस्ट करने वाली कंपनियों को अलग से फंड:
समाचार एजेंसी ने एपी के
मुताबिक ट्रंप प्रशासन ने उन दो कंपनियों को 13 लाख डॉलर देने का ऐलान किया
है जो एक ऐसा टेस्ट विकसित कर रही हैं जिससे मात्र एक घंटे में पता लगाया
जा सकेगा कि क्या कोई शख्स कोरोना वायरस से पीड़ित है या नहीं.
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फेडरल एजेंसी दे सकेगी फंड:
अमेरिकी
नियमों के मुताबिक आपात की घोषणा के साथ फेडरल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी
नाम की संस्था राज्यों और स्थानीय सरकारों को आर्थिक मदद देने के लिए
कानूनी रूप से सक्षम हो जाएगी.
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पूरे अमेरिका में सपोर्ट टीम की तैनाती:
इसके
साथ ही पूरे अमेरिका में सपोर्ट टीम की तैनाती भी की जाएगी. अमेरिकी
सरकारें इस पावर का कम ही इस्तेमाल करती हैं. काफी समय बात ऐसे आपातकाल की
घोषणा हुई है.
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20 साल बाद संक्रामक रोग आपातकाल घोषित:
डोनाल्ड
ट्रंप से पहले पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिटंन ने साल 2000 में वेस्ट नील
वायरस के खतरे को देखते हुए ऐसे ही आपातकाल की घोषणा की थी.
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ट्रंप भी कराएंगे टेस्ट!
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वे नोवेल कोरोना वायरस की जांच करा सकते हैं. हालांकि उन्होंने जोर देकर कहा कि उनमें कोविड-19 के कोई लक्षण नहीं मिले हैं. ट्रंप ने शुक्रवार को कहा, मैं ऐसा नहीं कह रहा कि टेस्ट नहीं कराउंगा, बल्कि ऐसा कराए जाने की संभावना ज्यादा है.
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आपातकाल घोषित करने के बाद ट्रंप ने कहा कि आने वाले कुछ हफ्तों में हम
सभी को कुछ बदलाव और बलिदान करने होंगे, लेकिन इन अल्पावधि बलिदानों से
लंबे समय के लिए लाभ मिलेंगे. अगले 8 हफ्ते हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण हैं.
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बता
दें कि अमेरिका में अब तक 1100 से ज्यादा लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ
चुके हैं और 40 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके बाद ही राष्ट्रपति ट्रंप ने
आपातकाल की घोषणा की है.
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उधर पूरी दुनिया भर में कोरोना से अब तक 5 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. भारत में भी 85 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं, जबकि दो मरीज की मौत हो चुकी है. कोरोना के महामारी घोषित होने के बाद अब भारत सरकार भी एक्शन में है.