वीडियो में दावा किया गया है कि नेचुरल तरीके से ये वायरस सामने नहीं आ सकता, इसे लैब से ही रिलीज किया गया है. इतना ही नहीं, यह भी कहा गया है कि मास्क और ग्लव्स पहनने से लोग अधिक बीमार हो रहे हैं. हालांकि, ये सारी बातें झूठ हैं क्योंकि साइंटिफिक तौर से इसके सबूत नहीं हैं. वीडियो में यह भी दावा किया गया है कि कोरोना से मौत के आंकड़ों में हेरफेर किया जा रहा है ताकि आबादी को नियंत्रित किया जा सके.