अमेरिका ने कोरोना वायरस की पहली कारगर दवा रेमडेसिवीर की बहुत बड़ी खरीद की है. रेमडेसिवीर की जिन खुराक की सप्लाई दुनिया के अलग-अलग देशों में की जानी थी, अमेरिका ने लगभग सारा स्टॉक खुद ही खरीद लिया है. यह दवा अमेरिका की ही कंपनी गिलीड साइंसेज बनाती है.
रेमडेसिवीर दवा से कोरोना मरीजों की जान बचने की पुष्टि तो नहीं हुई है, लेकिन यह दवा कुछ मरीजों के ट्रीटमेंट के समय को घटा देती है. यानी रेमडेसिवीर दवा देने से कुछ मरीजों को सामान्य स्थिति के मुकाबले कम वक्त में हॉस्पिटल से छुट्टी मिल सकती है.
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग ने सोमवार को ऐलान किया कि अमेरिका ने रेमडेसिवीर दवा की बड़ी खरीद की है. इसकी वजह से अब किसी अन्य देश को गिलीड साइंसेज कंपनी से रेमडेसिवीर दवा खरीदने में काफी मुश्किल होगी.
हालांकि, गिलीड साइंसेज ने पहले ही ऐलान किया था कि वह रेमडेसिवीर दवा की 1.2 लाख खुराक अमेरिका को डोनेट कर रही है. लेकिन अब अमेरिका ने 5 लाख से अधिक ट्रीटमेंट कोर्स की खरीदारी की है जिसका उत्पादन जुलाई में होना है. साथ ही अगस्त और सितंबर में कंपनी जितनी दवा का उत्पादन करेगी, उसमें से भी 90 फीसदी अमेरिका खरीदेगा.
अमेरिका के स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग के सेक्रेटरी एलेक्स एज़र ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका के लोगों के लिए शानदार डील की है. अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन का अनुमान है कि अमेरिका में प्रति एक लाख लोगों पर 98.4 लोगों को कोरोना की वजह से हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ता है.