चांद शाह से पूछा गया कि आप पार्षद हो और रास्ते पर भुट्टे बेचते हो, आपको शर्मिंदगी महसूस नहीं होती? तब चांद शाह ने कहा कि उन्हें कोई शर्म महसूस नहीं होती. पिछले 10 साल से हाथ गाड़ी पर भुट्टे और चने बेच रहा हूं. रोज 300 से 400 रुपये कमाने की बात पर चांद शाह ने कहा कि मैं पार्षद, मेरे वार्ड के लोगों के लिए बना हूं, खुद के लिए नहीं. चांद शाह ने कहा कि भ्रष्टाचार का कीड़ा भारत और समाज को खोखला कर रहा है, उसे खत्म करना है.