क्रिकेट इतिहास के महानतम कप्तानों में से एक और सर्वश्रेष्ठ फिनिशर महेद्र सिंह धोनी अब सर्वश्रेष्ठ पशुपालक भी बन गए हैं. धोनी को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्हें पूर्वी भारत में पशुपालन क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य और योगदान के लिए सर्वश्रेष्ठ गौपालक का खिताब मिला है.
(फोटो-मृत्युंजय श्रीवास्तव)
महेंद्र सिंह धोनी 43 एकड़ के फार्म हाउस में सब्जियां, फल की खेती के अलावा डेयरी फार्म चला रहे हैं. शनिवार को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में चल रहे पूर्व क्षेत्र प्रादेशिक एग्रोटेक किसान मेला में उन्हें सम्मानस्वरूप स्मृति चिन्ह व शॉल दिया गया, जिसे उनके प्रतिनिधि कुणाल गौरव ने स्वीकार किया.
रांची के कांके स्थित बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में पूर्वी क्षेत्र प्रादेशिक कृषि मेला और एग्रोटेक किसान मेला आयोजित किया गया था, इसमें जानवरों की भी प्रदर्शनी लगाई गई थी. इस प्रदर्शनी में पहली बार महेंद्र सिंह धोनी के डेयरी फॉर्म की दो नस्ल की गायों भी लाया गया था. इनमें एक क्रॉस ब्रीड व दूसरी गाय साहिवाल प्रजाति की थी. क्रॉस ब्रीड गाय के साथ बछिया भी थी. ये गाएं प्रतिदिन लगभग 35 लीटर दूध देती हैं
इसके अलावा इस मेले में फ्रांस की फ्रीजियन नस्ल के साथ-साथ साहिवाल नस्ल की गाय के अलावा उसके बछड़े और सांड भी प्रदर्शनी में लाए गए थे. हालांकि इस प्रदर्शनी में कई दूसरे नस्ल की गाय और भैंस भी शामिल हुई थीं. छह सदस्यीय निर्णायक मंडली ने विजेताओं का चयन किया. चयन प्रक्रिया में गाय की शारीरिक संरचना, दूध की क्षमता आदि की परख की गई. पशु-पक्षी प्रदर्शनी का उदघाटन विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने किया. आयोजकों ने धोनी के गायों को सर्वश्रेष्ठ मानते हुए उत्कृष्ट पशुपालक का सम्मान दिया.
गायों की सेवा करने वाले बिहार के मनेर के रहने वाले हरेंद्र राय ने बताया कि धोनी जब भी डेयरी फॉर्म में आते हैं तो गाय के बछड़े को अपनी गोद में उठा लेते हैं और बहुत प्यार करते हैं. फ्रीजियन नस्ल की गाय एक दिन में 35 लीटर दूध देती है. इनमें से लगभग 20 लीटर दूध धोनी के घर पर भेजा जाता है.