पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस से जंग लड़ रही है. ऐसे में ज्यादातर देशों में लॉकडाउन जारी है जिससे सबसे ज्यादा दिक्कत गरीबों को हो रही है. दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन में अब आपराधिक गैंग्स गरीब और भूखे लोगों की मदद करने आगे आ गए हैं.
ये आपराधिक गैंग्स ट्रकों में खाने-पीने की चीज लेकर बेहद गरीबी में जी रहे लोगों के बीच जा रहे हैं और खाने का पैकेट बांट रहे हैं. इन गैंग्स को काफी हिंसक माना जाता है.
दक्षिण अफ्रीका में लॉकडाउन के दौरान गरीबी से संघर्ष कर रहे परिवारों को रोटी, आटा और सब्जियां देने के लिए अन्य कुख्यात गिरोह के सदस्य भी कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं. जबकि इससे पहले ये गिरोह एक-दूसरे की जान के दुश्मन माने जाते थे. लॉकडाउन की वजह से वहां भी उद्योग-धंधे पूरी तरह बंद हैं और लोगों के पास कोई काम नहीं है.
इस काम की शुरुआत एंडी स्टील-स्मिथ ने की थी, जिसे "गैंग पादरी" के नाम से जाना जाता था. वो अपने पिकअप ट्रक और ट्रेलर में राशन भरकर घरों तक पहुंचा रहे थे. स्टील-स्मिथ ने कहा कि "जैसे ही लोगों को कुछ अच्छा करने का मौका दिया गया, उन्होंने दोनों हाथों से इस अवसर को लपक लिया.
वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे कामों का आपराधिक गिरोह को भी लाभ मिलता है. इससे कठिन समय में भी उनकी प्रासंगिकता बनी रहती है. वे आधुनिक रॉबिन हुड्स की भूमिका में आ गए हैं ताकि उन्हें इसका फायदा मिल सके.
जो गैंग्स अभी लोगों की मदद कर रहे हैं उनका मूल काम ड्रग बेचना और हत्याएं करना है. गैंग्स के इन सदस्यों के शरीर पर टैटू बना रहता है जिससे ये किस गिरोह के सदस्य हैं इसकी पहचान होती है. विशेषज्ञों के मुताबिक ये लोग काफी हिंसक होते हैं.