बीते शनिवार को छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों और सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन के बीच भीषण मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ सीआरपीएफ के कई जवान मारे गए थे जबकि नक्सलियों ने एक कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह को बंधक बना लिया था. 6 दिनों तक बंधक रखे जाने के बाद नक्सलियों ने आज उन्हें रिहा कर दिया. सीआरपीएफ ने भी आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि की है.
कोबरा जवान राकेश्वर सिंह को छुड़ाने के लिए सरकार ने नक्सलियों से बात करने के लिए मध्यस्थता टीम गठित की थी. इस टीम की लगातार कोशिशों के बाद उनकी रिहाई संभव हो पाई. मध्यस्थता टीम में पद्मश्री से नवाजे जा चुके धर्मपाल सैनी, गोंडवाना समाज के अध्यक्ष तेलम बोरैया शामिल थे.
राकेश्वर सिंह को छुड़ाए जाने का वीडियो भी सामने आया है जिसमें सैकड़ों ग्रामीणों के बीच में मध्यस्थता टीम की मौजूदगी में नक्सली उनकी रस्सियों से खोल रहे हैं. राकेश्वर सिंह को रिहा किए जाने के बाद उन्हें बासागुड़ा ले जाया गया है.
मध्यस्थता टीम ने ना सिर्फ सीआरपीएफ जवान को रिहा कराया बल्कि बंधक बनाए गए 7 पत्रकारों को भी नक्सलियों से छुड़ाया गया है. नक्सलियों ने एक दिन पहले ही रिहाई का संदेश दिया था जिसके बाद उनके बुलावे पर जवान को छुड़ाने बस्तर के बीहड़ जंगलों में मध्यस्थता टीम के सदस्यों के साथ कुल 11 लोग गए थे.
वहीं अपने पति के नक्सलियों के हाथों मुक्त होने पर उनकी पत्नी मीनू ने भी खुशी जताई और कहा यह उनके जीवन का सबसे खुशनुमा दिन है. उन्होंने कहा कि जिस दिन से उनके बंधक बनाए जाने की खबर सामने आई थी उन्हें उसी दिन से उम्मीद थी कि उनके पति सकुशल वापस लौट आएंगे.