दो-तीन दिन से दिल्ली पुलिस अपने ही एक सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) के सोशल मीडिया पर वायरल हुए 'वीडियो-मैसेज' से बेहाल है. इस वायरल मैसेज का असर इस कदर हुआ कि उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में रहने वाले हजारों छात्र-छात्राएं अपने पीजी रूम खाली करके चले गए. वाट्सएप सहित तमाम अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर वायरल वीडियो मैसेज में एसीपी मॉडल टाउन अजय कुमार वर्दी में भाषण देते दिखाई-सुनाई पड़ रहे हैं. वीडियो को लेकर चर्चा में आए एसीपी के पीछे और बराबर में उनके कुछ मातहत हवलदार सिपाही भी खड़े दिखाई दे रहे हैं.
एसीपी के भाषण के मुताबिक, "ऊपर से नीचे आने में ही मुकदमा दर्ज हो जाएगा. समझ में आ रहा है पब्लिक न्यू सेंस का मुकदमा दर्ज हो जाएगा. अब सुनो काम की बात 24 तारीख से हम लोग डायरेक्शन्स दे रहे हैं सारे पीजी वालों को, थाने वालों को, रेस्टोरेंट वालों को, लाइब्रेरी वालों को, कोचिंग वालों को. 24 की शाम से सभी लोगों को. सब के सब बंद हो जाएंगे." (सांकेतिक तस्वीर)
सोशल मीडिया में वायरल कथित वीडियो के चलते सुर्खियों में आये एसीपी आगे बोलते सुनाई दे रहे हैं- "सब लोग अपने टिकट करा लो. अपने घर चले जाओ. पूरा 2 तारीख (2 जनवरी) तक. 2 को वापस आइये. आपका विंटर ब्रेक समझ लो इसे. लॉ एंड ऑर्डर सिचुयेशन जो है वो काफी नाजुक हो रक्खी है. कोई भी अगर गैदरिंग (भीड़) धारा लगी हुई है 144 पूरी दिल्ली में. कोई भी गैदरिंग कोई भी न्यूसेंस हो गयी ऐसी कंडीशन में. अपना करियर खराब कर लोगे बेटा. समझ में आ रहा है." (सांकेतिक तस्वीर)
इस कथित वायरल वीडियो को देखने-सुनने से लगता है, जैसे मानो एसीपी के आसपास मुखर्जी नगर इलाके में पीजी में रहने वाले विद्यार्थियों की भीड़ मौजूद हो, जिसे वे चेतावनी के रूप में मौजूद भीड़ को समझा सुना रहे हों. वीडियो में एसीपी के भाषण के बीच-बीच में 'यस सर, यस सर' की एक अदद मोटी सी आवाज भी सुनाई देती है. इस आवाज को सुनने से लगता है कि मानो एसीपी के मौखिक हुक्म को तामील करने या अमल में लाए जाने की सहमति हो. हालांकि, वीडियो में 'यस सर यस सर' करने वाले की शक्ल नहीं दिखाई दे रही है. (सांकेतिक तस्वीर)
वीडियो में आगे एसीपी कहते देखे सुने जा सकते हैं, "तो करियर मत खराब होने देना अपना. अपने घर जाओ. 24 की शाम को ही निकल जाओ. दो तारीख को वापस आना. हम सब कुछ बंद करा रहे हैं." एसीपी के कथित भाषण के बीच में सवाल पूछा जाता है, "यही जो 24 दिसंबर आ रही है." जबाब में एसीपी कथित रूप से कहते सुनाई देते हैं, "हां यही 24 दिसंबर जो आ रही है. समझ में आ रहा है बेटा. कोई भी किसी प्रोटेस्ट प्रोसेशन में भाग नहीं लेगा. मैंने बता दिया धारा 144 पता है क्या है. 4 से ज्यादा आदमी इकट्ठे होने पर अपराध है. तो क्यों अपना करियर खराब करना चाहते हो. और रात को तुम लोग (स्टूडेंट्स) जो शोर मचाते हो, अगर हमें एक भी कंप्लेंट मिल गयी न.. या फुटेज में मिल गया कोई भी. हम बंद कर देंगे बिलकुल. कैमरे लगे हुए हैं तुम्हारे सबके पीजी में." (सांकेतिक तस्वीर)
इसके बाद इसी कथित वीडियो में एसीपी आगे सवाल दागते हैं, "कल रात क्यों इकट्ठे हुए थे भई.' सवाल के जबाब में आवाजें आती हैं, 'कहां पे..' फिर एसीपी कोई जबाब देने के बजाय दुबारा आगे बोलना जारी रखते हैं, "सबको बता दो. जेन्यूनली बता रहा हूं स्टूडेंट हो. छोटे भाई होने के नाते बता रहा हूं हम लोग बिलकुल अलर्ट हैं. बिलकुल नहीं बख्शेंगे. यह वॉर्निग दे रहे हैं हम आपको. आपको आगाह कर रहे हैं. कोई डाउट है किसी को?" (सांकेतिक तस्वीर)
एसीपी के सवाल के जवाब में वीडियो में फिर वही एक संदिग्ध और मोटी सी आवाज गूंजती है, मगर बोलने वाले का चेहरा नहीं दिखता.. 'नो सर'. इसके बाद एसीपी वीडियो के अंत में पूछते हैं, 'कोई डाउट है किसी को?' जबाब में कई आवाजें फिर गूंजती हैं 'नो सर नहीं सर'.. उत्तर पश्चिमी दिल्ली के मॉडल सब डिवीजन के सहायक पुलिस आयुक्त अजय कुमार के इस कथित और पुलिस की छवि को बदनाम करने वाले वीडियो के अंत में एसीपी कहते सुने जाते हैं.. चलिए जाईये. (सांकेतिक तस्वीर)
करीब 2 मिनट 20 सेकेंड का यह वीडियो सोशल मीडिया पर जब से वायरल हुआ है तब से आमजन से ज्यादा दिल्ली पुलिस बेहाल है. इस मामले में पूछे जाने पर दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता सहायक पुलिस आयुक्त अनिल मित्तल ने कहा, "वीडियो फर्जी है. लोगों ने इलाके में इस वीडियो के बलबूते पोस्टर तक लगा डाले. मुखर्जी नगर में आपराधिक मामला दर्ज कर लिया गया है. पुलिस ने जांच भी शुरू कर दी है. साथ ही व्हाट्सएप सहित तमाम सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स से इस वीडियो को तुरंत हटाने को भी दिल्ली पुलिस ने कहा है. प्राथमिक जांच में यह वीडियो संदिग्ध ही लग रहा है." (सांकेतिक तस्वीर)
उल्लेखनीय है कि दो-तीन दिन पहले दिल्ली से सटे नोएडा में दो छात्रों ने गौतमबुद्ध नगर जिले के जिलाधिकारी के नाम से ही एक आदेश सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था. वायरल फर्जी आदेश में स्कूलों में छुट्टी की घोषणा कर दी गई थी. जांच में डीएम का आदेश फर्जी पाया गया. आरोपी छात्रों को पकड़ कर पुलिस ने सुधार-गृह भेज दिया था. (सांकेतिक तस्वीर)