प्रेरक आजीविका मिशन से जुड़े अमरसिंह ने बताया कि महुआ का सैनिटाइजनर बनाने का ख्याल हमारे दिमाग में इसलिए आया कि पहले स्प्रिट से सैनिटाइजर बनाते थे लेकिन जब बाद में स्प्रिट मार्केट में नहीं मिल रहा था तो हमने एक प्रयोग किया क्योंकि स्प्रिट भी एल्कोहल ही है.
हमने महुआ से सैनिटाइजर बनाने का प्रयोग किया और टेस्टिंग की. फिर बीएमओ साहब को बुलवाया और वहां की लैब में टेस्टिंग हुई. उन्होंने कहा कि अच्छा है, यह ऑर्गेनिक काम करेगा. इससे कई कीटाणु भी मरेंगे. इसको बनाने में हमने फिटकरी, नीम के पत्ते, तुलसी के पत्तों और गुलाब जल का भी उपयोग किया है. इसमें 60 से 65 रुपये का खर्च आ रहा है और इसे हम 70 रुपये में बेच रहे हैं. बैंको, स्कूलों आदि शासकीय संस्था में इसे अभी हम दे रहे है. (File Photo)