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1200 किमी स्कूटी से एग्जाम देने आए, अब इन्होंने कपल को दिया फ्लाइट टिकट

प्रतीकात्मक फोटो
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6 माह की गर्भवती पत्नी को डीएलएड की परीक्षा दिलाने झारखंड से करीब 1200 किलोमीटर से अधिक दूरी तक स्कूटी से  आए धनंजय और उसकी पत्नी को अडानी फाउंडेशन ने हवाई टिकट मुहैया करा दिया है. अब वह ग्वालियर से झारखंड तक हवाई यात्रा कर अपने घर पहुंच सकेंगे. (ग्वालियर से सर्वेश पुरोहित की रिपोर्ट)

हवाई जहाज का टिकट.
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ग्वालियर से सीधे झारखंड की हवाई सुविधा न होने की वजह से 16 सितंबर के टिकट बुक कराए हैं, जिससे दंपति हैदराबाद होते हुए रांची पहुंच सकें. वहां से वाहन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. उनकी स्कूटी को भी किसी तरह भेजा जाएगा. सोनी हेम्बरम, पद्मा हायर सेकंडरी स्कूल में डीएलएड के सेंटर पर परीक्षा दे रही हैं. 

यहा रहकर दे रही हैं परीक्षा.
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धनंजय के माता-पिता दोनों का ही निधन हो चुका है. एक भाई की भी एक माह पहले मौत हो गई है. धनंजय और उनकी पत्नी सोनी दोनों बेरोजगार हैं.

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धनंजय और सोनी.
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गौरतलब है कि धनंजय, झारखंड के गोड्डा जिले के गांव गन्टा टोला के रहने वाले हैं. गोड्डा जिला बांग्लादेश की सीमा से बमुश्किल 150 किलोमीटर दूर है. धनंजय ने अपनी पत्नी को एग्जाम दिलाने के लिए करीब 1176 किमी स्कूटी चलाई. वह अपनी पत्नी सोनी हेम्बरम को डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) द्वितीय वर्ष की परीक्षा दिलाने के लिए स्कूटी से ग्वालियर के पद्मा कन्या विद्यालय पहुंचे थे. 

इस स्कूल में है एग्जाम सेंटर.
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रास्ते में तेज बारिश होने पर उन्हें एक पेड़ के नीचे दो घंटे तक खड़े रहने पड़ा. वहीं, स्कूटी में पेट्रोल भरवाने के लिए धनंजय ने अपनी पत्नी के जेवर 10 हजार रुपये में गिरवी रखे हैं.
 

सोनी हेम्बरम
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धनंजय खुद 10वीं पास भी नहीं हैं, लेकिन वे अपनी पत्नी को शिक्षक बनाना चाहते हैं. इसीलिए पत्नी फिलहाल डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड) द्वितीय वर्ष की परीक्षा दे रही हैं.

स्कूटी.
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बता दें कि मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) द्वारा डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन की परीक्षाएं 1 सितंबर से 11 सितंबर तक आयोजित की जा रही हैं. ग्वालियर में कुल 23 केंद्रों में परीक्षा देने के लिए 10 हजार 680 विद्यार्थी पंजीकृत हैं.

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