दरअसल, उत्तर प्रदेश में गायों के बजट और सरकार के आदेश पर अधिकारियों ने ऐसा पलीता लगाया कि प्रदेश में गायों और गोवंशों की हालत बद से बदतर होती चली गई.
गो-सदन और गौशालाओं के नाम पर कई जिलों में जानवरों को ऐसी जगह बंद कर दिया गया जहां गर्मी, बारिश और ठंड मे सिर छुपाने के लिए छत नहीं, पीने के लिए पानी नहीं, खाने के लिए ठीक से चारा नहीं. नतीजा ये है कि जानवर वहीं पर मरने के लिए मजबूर हो गए जहां उनके सबसे सुरक्षित होने का दावा किया गया.