इराक में मौजूद अमेरिकी एंबेसी में हुए हमले के बाद अमेरिका और ईरान के बीच तनातनी बढ़ गई है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर से चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर एक भी अमेरिकी की मौत होती है, तो इसके लिए वो ईरान को जिम्मेदार ठहराएंगे.
दरअसल इराक की राजधानी बगदाद में तमाम सुरक्षा से लैस ग्रीन जोन में अमेरिका का दूतावास स्थित है. यहां रॉकेट से हमला हुआ है. ट्रंप ने ट्विटर पर तीन रॉकेट की तस्वीरें शेयर की हैं और इस फोटो के कैप्शन में लिखा- बगदाद में हमारी एंबेसी पर रॉकेट से हमला हुआ. तीन रॉकेट विफल रहे. सोचिए कि ये आखिर कहां से आए थे: ईरान. हम इराक में अमेरिकियों पर दूसरे हमलों की खबरें भी सुन रहे हैं.
Our embassy in Baghdad got hit Sunday by several rockets. Three rockets failed to launch. Guess where they were from: IRAN. Now we hear chatter of additional attacks against Americans in Iraq... pic.twitter.com/0OCL6IFp5M
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) December 23, 2020
ट्रंप ने इसके बार चेतावनी भरे अंदाज में ट्वीट किया और लिखा- ईरान को दोस्ताना सलाह देना चाहूंगा. अगर एक भी अमेरिकी की मौत होती है तो मैं इसके लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराऊंगा. गौरतलब है कि इस साल 3 जनवरी को ईरान के जनरल और प्रभावशाली लीडर कासिम सुलेमानी अमेरिकी हवाई हमले में मारे गए थे. रिपोर्ट्स के अनुसार, कासिम सुलेमानी की हत्या की याद में ये हमला कराया गया है.
...Some friendly health advice to Iran: If one American is killed, I will hold Iran responsible. Think it over.
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) December 23, 2020
इस रॉकेट हमले के बाद अमेरिका के कार्यवाहक रक्षामंत्री, विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने बुधवार को मुलाकात की है. अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने भी बगदाद में हुए हमले के लिए ईरान समर्थित ग्रुप को जिम्मेदार ठहराया था. इस रॉकेट हमले से अमेरिका और ईरान में तनाव के बढ़ने की आशंका बढ़ गई है.
Iran-backed militias once again flagrantly and recklessly attacked in Baghdad, wounding Iraqi civilians. The people of Iraq deserve to have these attackers prosecuted. These violent and corrupt criminals must cease their destabilizing actions.
— Secretary Pompeo (@SecPompeo) December 21, 2020