अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में हार का सामना करने वाले डोनाल्ड ट्रंप ईरान पर हमला करने वाले थे. ट्रंप के निशाने पर ईरान का मुख्य परमाणु केंद्र नतांज था. अमेरिका के प्रतिष्ठित अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान की परमाणु सामग्री में हो रही लगातार बढ़ोतरी के चलते ट्रंप ये फैसला लेना चाहते थे.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने पिछले हफ्ते हुई एक बैठक में ईरान के परमाणु ठिकानों को तबाह करने के विकल्पों को लेकर अपने सलाहकारों से सलाह-मशविरा किया था. इनमें उप राष्ट्रपति माइक पेंस, रक्षामंत्री क्रिस्टोफर मिलर और ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मिली जैसे लोग शामिल थे. इस दौरान ट्रंप को सलाह दी गई कि अगर ऐसा कदम उठाया जाता है तो इससे ईरान और अमेरिका की बीच की खाई काफी ज्यादा बढ़ जाएगी.
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने खुलासा किया था कि ईरान के परमाणु सामग्री में कई गुना की बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले का सबसे संभावित क्षेत्र ईरान का परमाणु केंद्र नतांज था. अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के अनुसार, यहां साल 2018 में हुए परमाणु समझौते से 12 गुणा ज्यादा यूरेनियम का भंडार बढ़ चुका है और इसी के चलते ट्रंप यहां हमला कराना चाहते थे.
इससे पहले भी पिछले साल जून के महीने में ट्रंप ईरान पर हमला करना चाहते थे लेकिन उन्होंने चंद मिनटों पहले ही अपने इस प्लान को रद्द कर दिया था. दरअसल ईरान ने अमेरिका के एक ड्रोन विमान को मार गिराया था और इसका बदला लेने के लिए ट्रंप ईरान पर अटैक कराना चाहते थे.