आप कभी किसी उबलते और दहाड़ते हुए ज्वालामुखी के पास जाने की कोशिश नहीं कर सकते लेकिन कुछ लोग ऐसा करते हैं. आइसलैंड में 6000 साल शांत रहने के बाद एक ज्वालामुखी फटा. उसे देखने के लिए उस पहाड़ के आसपास घूमने गए लोग उसके नजदीक पहुंच गए. क्योंकि उन्हें ज्वालामुखी से निकलते लावे से खतरा महसूस नहीं हो रहा था. लोग वीडियो बना रहे थे. फोटो खींच रहे थे. यह ज्वालामुखी अभी सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग है. इसका ड्रोन कैमरे से वीडियो भी बनाया गया है. आइए जानते हैं इस ज्वालामुखी के बारे में...(फोटोः गेटी)
आइसलैंड (Iceland) के दक्षिण-पश्चिम में स्थित माउंट फैगराडैल्सफाल (Mount Fagradalsfjall) में पहला विस्फोट चार दिन पहले हुआ. तब से लगातार इस ज्वालामुखी से लावा बाहर निकल रहा है. यह ज्वालामुखी रेकजाविक शहर से करीब 35 किलोमीटर दूर है. ज्वालामुखी के लगातार लावा उबलने की खबर सुनकर स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गए. (फोटोः गेटी)
People in Iceland are just casually hanging out on an active volcano pic.twitter.com/FRV2hts60h
— Wu-Tang Is For The Children (@WUTangKids) March 22, 2021
माउंट फैगराडैल्सफाल (Mount Fagradalsfjall) ज्वालामुखी फटने की वजह से 1640 फीट ऊंची लावे की आकृति बन गई है. इस ज्वालामुखी ने पिछले चार दिनों में 1 करोड़ वर्ग फीट लावा उगला है. कई बार तो लावे का फव्वारा 300 फीट की ऊंचाई तक जा रहा है. (फोटोः गेटी)
रेकजाविक शहर के लोग बताते हैं कि यह ज्वालामुखी पूरे 6000 साल बाद फटा है. माउंट फैगराडैल्सफाल (Mount Fagradalsfjall) गेलडिंगा घाटी में स्थित है. इसलिए लोगों को आसपास के इलाकों से हटाया नहीं गया. क्योंकि ये ज्वालामुखी रिहायशी इलाके से काफी दूर है. इसकी वजह से किसी को कोई खतरा नहीं है. लेकिन बहते हुए लावे को देखकर ऐसा लगता है कि ये ज्वालामुखी फिलहाल थमेगा नहीं. (फोटोः एपी)
A new video of the eruption at Geldingardalur valley in Reykjanes peninsula. Taken from the Coast Guard helicopter. #Reykjanes #Eruption #Fagradalsfjall pic.twitter.com/B862heMzQL
— Icelandic Meteorological Office - IMO (@Vedurstofan) March 19, 2021
आइसलैंड की प्रधानमंत्री कैटरीन जैकबडोतीर ने अपने देश के लोगों और आने वाले पर्यटकों को कहा है कि इस ज्वालामुखी से किसी को कोई खतरा तो नहीं है लेकिन लोग उचित और सुरक्षित दूरी बनाकर रखें. ज्वालामुखी से दूर रहें. (फोटोः गेटी)
A volcanic eruption has begun in Fagradalsfjall on the Reykjanes peninsula. We are monitoring the situation closely and as of now it is not considered a threat to surrounding towns. We ask people to keep away from the immediate area and stay safe. https://t.co/iIACfCc31E
— Katrín Jakobsdóttir (@katrinjak) March 19, 2021
आइसलैंड के साइंटिस्ट्स ने इस ज्वालामुखी के आसपास रहने वाले लोगों को इससे निकलने वाली जहरीली गैसों से बचने का उपाय बता दिया है. ज्वालामुखी से निकलने वाले कार्बन डाईऑक्साइड और सल्फर डाईऑक्साइड की वजह से कुछ इलाकों में ट्रैफिक जाम हो रहे हैं. इस इलाके के ऊपर ड्रोन्स उड़ाना मना किया गया है लेकिन एक फोटोग्राफर ने इसका वीडियो बना लिया. जो अभी सोशल मीडिया पर काफी वायरल है. (फोटोः एपी)
A drone pilot has captured incredible footage of a volcano erupting in Iceland.
— Channel 5 News (@5_News) March 22, 2021
Bjorn Steinbekk risked losing his FPV drone as he flew the camera directly over the lava as it continued to shoot and spill from the Fagradalsfjall volcano near Iceland's capital, Reykjavik. pic.twitter.com/Uo3swR3q63
आइसलैंड के इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी के प्रमुख ने कहा है कि वो लोग अपने घरों की खिड़कियां बंद रखें जो ज्वालामुखी से 50 किलोमीटर की दूरी पर रहते हैं. क्योंकि इससे उनके घरों में जहरीली गैसों के प्रवेश करने का खतरा है. इसकी वजह से लोगों की तबीयत बिगड़ सकती है. (फोटोः एपी)
आइसलैंड यूनिवर्सिटी के जियोफिजिसिस्ट प्रोफेसर मैग्नस तुमी गडमुंडस्सन ने कहा कि ये ज्वालामुखी अभी फटता ही रहेगा. हो सकता है कि ये एक दिन में बंद हो जाए या फिर एक महीने तक ऐसे ही फटता रहे. साल 2010 के बाद आइसलैंड में यह इस तरह की पहली घटना है. (फोटोः एपी)
इससे पहले 2010 में इजाफ्जालाजोकुल ज्वालामुखी फटा था. इसकी वजह से 1 लाख से ज्यादा उड़ानें एक हफ्ते तक रद्द करनी पड़ी थीं. क्योंकि इसका धुआं उत्तरी यूरोप और ग्रेट ब्रिटेन तक फैल गया था. ऐसा माना जाता है कि यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा एयरस्पेस शटडाउन था. (फोटोः एपी)
The small eruption poses no immediate danger and could last for a day or a month, according to Professor Magnús Tumi Guðmundsson #Reykjanes #volcano #eruption https://t.co/V8VDH07DTT pic.twitter.com/5Xc6wbPDJo
— RÚV (@RUVohf) March 20, 2021
सवाल ये है कि आखिरकार इतने सालों से शांत पड़ा ज्वालामुखी अचानक कैसे फट गया? आइसलैंड में ज्वालामुखी की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं. हर चार-पांच साल में एक ज्वालामुखी बड़ा विस्फोट तो कर ही देता है. कारण ये है कि ये देश भूकंपीय गतिविधियों के लिए जाना जाता है. यहां सबसे बड़ा भूकंप साल 2014 में आया था. (फोटोः एपी)
साल 2014 से लेकर अब तक आइसलैंड में हर साल 1000 से 3000 भूकंप आए हैं. लेकिन दिसंबर 2019 से भूकंपों की गतिविधि अचानक से बढ़ गई है. इसकी वजह जानने के लिए साइंटिस्ट अब भी जुटे हैं. सिर्फ पिछले हफ्ते ही आइसलैंड में 18 हजार भूकंप आए हैं. जिसमें से रविवार को 3000 भूकंप आए. इसमें 400 भूकंप उस इलाके में आए हैं जहां माउंट फैगराडैल्सफाल (Mount Fagradalsfjall) में विस्फोट हो रहा है. (फोटोः एपी)
आइसलैंड के मौसम विभाग ने कहा कि रविवार को ज्वालामुखी वाले इलाके में कम भूकंप आए थे. जबकि, एक दिन पहले ही वहां पर 1000 भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. रिक्टर पैमाने पर 3 की तीव्रता के ऊपर के भूकंप तो पता चल ही जाते हैं. 24 फरवरी को इस जगह 5.7 तीव्रता का भूकंप आया था. जिसके आधे घंटे बाद 5 तीव्रता का भूकंप फिर आया. (फोटोः एपी)
New photos from the Civil Protection and Emergency Management gives a good overview of the eruption site in Geldingadalur #Reykjanes #eruption pic.twitter.com/WCwniZ0jBZ
— Icelandic Meteorological Office - IMO (@Vedurstofan) March 21, 2021
स्थानीय लोगों ने मीडिया को बताया कि उन्होंने पिछले हफ्ते के कुल घंटों में से 24 घंटे से ज्यादा धरती को कांपते हुए महसूस किया है. आइसलैंड यूनिवर्सिटी में वॉल्कैनोलॉजी के प्रोफेसर थोरवल्डर थोरडार्सन ने कहा इतने ज्यादा भूकंप के पीछे की वजह समझ नहीं आ रही है. साइंटिस्ट ये जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर ऐसी प्राकृतिक घटनाएं बढ़ कैसे गई हैं. (फोटोः गेटी)
प्रोफेसर थोरवल्डर ने कहा कि हो सकता है कि धरती के अंदर का मैग्मा क्रस्ट यानी धरती की ऊपरी सतह के ऊपर आ रहा है. जिसकी वजह से टेक्टोनिक प्लेटों पर असर पड़ रहा है. इससे भूकंप आ रहे हैं और ज्वालामुखी से लावा बह रहा है. हालांकि ये सिर्फ एक हाइपोथिसिस है. सही कारण पता किया जा रहा है. (फोटोः गेटी)
आइसलैंड के लोगों को 3 मार्च को ही चेतावनी दी गई थी कि ज्यादा भूकंप आ रहे हैं. ऐसे में ज्वालामुखी से दूर रहें क्योंकि उनमें विस्फोट हो सकता है. आइसलैंड मिड-अटलांटिक रिज नामक जगह के ऊपर बसा है. इस रिज के दो तरफ टेक्टोनिक प्लेट्स हैं. जबकि दोनों के बीच में एक समुद्री पहाड़ है. ये पहाड़ धरती के केंद्र से आने वाले लावा को इन दोनों टेक्टोनिक प्लेटों के ऊपर उगलता रहता है. जिसकी वजह से दबाव पैदा होता है. इससे प्लेटें खिसकती हैं और भूकंप आता है. (फोटोः गेटी)
आइसलैंड के कई नेताओं और प्रतिष्ठित लोगों ने सोशल मीडिया पर माउंट फैगराडैल्सफाल (Mount Fagradalsfjall) ज्वालामुखी की तस्वीरें और वीडियो शेयर किए हैं. जिसकी वजह से ये ज्वालामुखी और उसका विस्फोट दुनिया भर में प्रसिद्ध हो गया है. (फोटोः गेटी)