आधा भारत शुक्रवार यानी 12 फरवरी की रात 10.34 बजे कांपने लगा. धरती हिल रही थी. धरती की इस थर्राहट से कश्मीर से लेकर छत्तीसगढ़ तक कांप गए. भूकंप का असर हरियाणा, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर समेत देश के कई इलाकों में बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि ताजिकिस्तान में 5.9 तीव्रता का रात 10.31 बजे भूकंप आया. इसकी गहराई 91.6 किलोमीटर थी.
USGS के मुताबिक ताजिकिस्तान में 10.31 बजे 5.9 तीव्रता का भूकंप आया था. इसकी गहराई 91.6 किलोमीटर अंदर थी. इसकी वजह से पूरा उत्तर भारत कांप गया. जम्मू-कश्मीर से लेकर उत्तर प्रदेश तक, राजस्थान से मध्यप्रदेश तक धरती हिल गई.
इस भूकंप की वजह से ऊना में भी झटके महसूस हुए. हिमाचल के चंबा, डलहौजी, कुल्लू, शिमला व अन्य इलाकों में भी भूंकप महसूस किया गया. डर की वजह से दिल्ली-एनसीआर के लोग इमारतों से बाहर निकल आए. उत्तरकाशी के बड़कोट, चमोली, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार में झटके महसूस हुए.
उधर राजस्थान के जोधपुर, जयपुर, हरियाणा-पंजाब के जींद, अंबाला में भी झटके महसूस किए गए. बिलासपुर जिले में भी भूंकप महसूस हुआ लोग तेजी से अपने घरों से बाहर निकल आए. यूपी के मथुरा से भी झटके महसूस होने की खबर आई है.
पहले खबर आई थी कि पहला भूकंप ताजिकिस्तान में आया इसके तीन मिनट बाद ही पंजाब के अमृतसर में भूंकप आया लेकिन बाद में पंजाब के भूंकप की खबर गलत साबित हुई. हालांकि एक ही समय में या कुछ मिनटों के अंतर पर दो झटके आने को भूगर्भीय भाषा में डबलेट अर्थक्वेक (Doublet Earthquake) कहते हैं. ऐसा तब होता है जब एक भूकंप की गहराई ज्यादा हो और दूसरे की उससे कम. कई बार ज्यादा गहराई वाला भूंकप छोटे-छोटे और कई भूकंपों के जन्म देता है. फिर ऐसे झटकों की एक बड़ी लहर बड़े इलाके में दौड़ती है.