इंग्लैंड और वेल्स में पिछले एक साल में जितने लोग मरे हैं उतनी मौतें पिछली एक शताब्दी में यहां नहीं हुई हैं. साल 2020 में इंग्लैंड और वेल्स में 6 लाख 8 हजार दो लोगों की मौत हुई है और यहां इससे ज्यादा लोग सिर्फ साल 1918 में ही मरे थे. बता दें कि साल 1918 में स्पैनिश फ्लू ने दुनिया के कई देशों में हाहाकार मचाया था जिनमें इंग्लैंड भी शामिल था.
1838 के बाद से ही इंग्लैंड में होने वाली मौतों के आंकड़ें हर साल जारी किए जाते रहे हैं और अब तक केवल दो ऐसे साल हैं जब इंग्लैंड में 6 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. 2020 के अलावा साल 1918 में स्पैनिश फ्लू के चलते ये संख्या 6 लाख 11 हजार 861 थी. उस समय इंग्लैंड और वेल्स की जनसंख्या 34 मिलियन यानी 3 करोड़ 40 लाख थी वही 2020 में ये बढ़कर 6 करोड़ हो चुकी है.
इसके अलावा साल 1940 में जर्मनी के साथ युद्ध के चलते भी ब्रिटेन में 5 लाख 90 हजार लोगों की मौत हुई थी और उस साल इंग्लैंड में वार्षिक मौतों के आंकड़ों में 20 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली थी जो उस दौर के हिसाब से बेहद ज्यादा थी. साल 1929 में ग्रेट डिप्रेशन के चलते भी ब्रिटेन में वार्षिक मौतों के आंकड़ों में 12 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली थी.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोरोना वायरस के चलते यूनाइडेट किंगडम में 1 लाख से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. वही इंग्लैंड, वेल्स, स्कॉटलैंड और नॉर्दन आयरलैंड की एजेंसियों के मुताबिक ये आंकड़ा 98 हजार के आसपास है. मेल ऑनलाइन के विश्लेषण के मुताबिक, आने वाले चार हफ्तों में ब्रिटेन में कोरोना वायरस से 25 हजार लोगों की मौत हो सकती है.
यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंजलिया के प्रोफेसर ने मेल ऑनलाइन के साथ बातचीत में कहा है कि हम अब भी ये नहीं कह सकते हैं कि कितने और लोग इस महामारी से मारे जा सकते हैं क्योंकि अब भी ये साफ नहीं है कि ब्रिटेन में लगे वर्तमान लॉकडाउन कोरोना केसों को रोकने में कितने प्रभावशाली हो सकते हैं.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने वादा किया है कि मिड-फरवरी तक वे ब्रिटेन में रहने वाले 70 साल से अधिक उम्र वाले बुजुर्गों, एनएचएस स्टाफ, केयर होम स्टाफ और वर्कर्स और इसके अलावा कोरोना वायरस पॉजिटिव लोगों को वैक्सीन की डोज लगा दी जाएगी. रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक 20 लाख से अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जा चुकी है और रोज करीब 2 लाख लोगों को ये वैक्सीन दी जा रही है.