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राजस्थान: बेटे की मौत का गम, पति-पत्नी ने दो बेटियों संग फांसी लगाकर जान दी

बेटे की मौत से सदमे में था परिवार
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राजस्थान के सीकर में एक बेहद दर्दनाक घटना हुई है. बेटे की मौत का गम एक परिवार पर इस कदर टूटा कि पूरे परिवार ने सामूहिक तौर पर आत्महत्या कर ली. पुलिस को मौके से जो सुसाइड नोट मिला है उसमें मरने से पहले परिवार के मुखिया हनुमान प्रसाद सैनी बेटे अमर की मौत को आत्महत्या करने का कारण बताया है. (इनपुट - सुशील कुमार जोशी)
 

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बताया जा रहा है कि  हनुमान प्रसाद सैनी बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी के भतीजे थे. जानकारी के मुताबिक सैनी परिवार के इन चार सदस्यों ने परिवार के जवान बेटे की मौत के कारण पैदा हुए मानसिक अवसाद की वजह से आत्महत्या की है. 

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इन 4 लोगों में हनुमान प्रसाद सैनी, उनकी पत्नी तारा और दो बेटियां अनु और पूजा शामिल हैं, इन्होंने फांसी के फंदे पर लटककर आत्महत्या की है. हनुमान प्रसाद सैनी बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी के सगे भाई के बेटे थे.
 

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हनुमान प्रसाद सैनी द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट में  लिखा गया है कि बेटे की मौत के बाद वे लोग जी नहीं पा रहे थे. उन्होंने मरने से पहले सुसाइड नोट में लिखा है, 'मैं हनुमान प्रसाद सैनी, मेरी पत्नी तारा देवी, 2 बेटियां पूजा और अन्नू अपने पूरे होश में यह लिख रहे हैं. हमारे बेटे अमर का स्वर्गवास 27 सितंबर 2020 को हो गया था. हमने उसके बिना जीने की कोशिश की, लेकिन उसके बगैर जिया नहीं जाता. इसलिए हम चारों ने अपनी जीवन लीला खत्म करने का फैसला लिया है. अमर ही हम चारों की जिंदगी था. वही नहीं तो हम यहां क्या करेंगे.'  
 

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हनुमान प्रसाद सैनी ने सुसाइड नोट में आगे लिखा है कि प्रशासन किसी भी परिवारवाले को परेशान न करें. ये हमारा अपना फैसला है. उन्होंने सुसाइड नोट में अपने छोटे भाई सुरेश को लिखा है, हम सब का अंतिम संस्कार परिवार की तरह ही करना. कबीर पंथ की तरह मत करना. सब अपने ​रीति रिवाज से करना और अमर का कड़ा और उसके जन्म के बाल हमारे साथ गंगा में बहा देना है. अमर की फोटो के पास सब सामान रखा है. सुरेश मेरे ऊपर किसी का कोई रुपया-पैसा बाकी नहीं है.'
 

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परिवार के सामूहिक आत्महत्या कर लेने के बाद पूरे इलाके में गम पसरा हुआ है. मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच के बाद कहा कि परिवार के चारों सदस्य एक ही पलंग पर चढ़कर फंदे से लटके हैं और इस दौरान उन्होंने पलंग को पैर से गिरा दिया जिसके बाद वो फंदे से झूल गए और उनकी मौत हो गई.

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परिवार के आत्महत्या कर लेने की खबर भी उस वक्त लोगों को मिली जब दूधवाला शाम को दूध देने हनुमान सैनी के घर पहुंचा. दरवाजा खटखटाने के बाद भी जब किसी ने गेट नहीं खोला तो दूधवाले ने उनके मोबाइल पर फोन किया. किसी ने फोन भी नहीं उठाया. इसके बाद दूधवाले ने हनुमान सैनी के भतीजे युवराज को फोन किया और पूरी बात बताई.

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जब हनुमान सैनी का भतीजा युवराज वहां पहुंचा और गेट खोलकर अंदर गया तो देखा चारों फंदे से लटके हुए थे. इसके बाद उन्होंने तुरंत इसकी जानकारी पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने जब छानबीन की तो उन्हें दो पेज का सुसाइड नोट मिला जिसमें उन्होंने बेटे की मौत के सदमे को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार बताया था.

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पूरे परिवार के आत्महत्या करने को लेकर पड़ोसियों ने बताया कि जिस कमरे से चारों शव लटके हुए मिले हैं वहां पहले लोहे का कोई गर्डर नहीं था. चार दिनों पहले ही उन्होंने मिस्त्री बुलवाकर लोहे का गर्डर लगवाया था जिससे वो लटके हुए मिले. इतनी ही नहीं जिस रस्सी से उन्होंने फंदा बनाया था वो रस्सी भी नई थी.

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इन घटनाओं के बाद लोग अंदाजा लगा रहे हैं कि इन्होंने तीन चार दिन पहले ही सामूहिक आत्महत्या करने की योजना बना ली थी. हनुमान सैनी की एक बेटी एमएससी जबकि दूसरी बेटी बीएससी में पढ़ रही थी. उनकी पत्नी हाउस वाइफ थी जबकि वो खुद सरकारी नौकरी करते थे.

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