एक तरफ जहां देश आज अपना 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है वहीं दूसरी तरफ दिल्ली की सीमाओं पर किसान ट्रैक्टर परेड के जरिए नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ ये किसान 2 महीने से दिल्ली बॉर्डर के आसपास की सड़कों पर बैठे हुए हैं और आज ट्रैक्टर रैली के जरिए अपना विरोध जता रहे हैं. इस दौरान गाजीपुर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई जिसके बाद लाठीचार्ज करने की खबर भी सामने आई.(तस्वीरें - हार्दिक)
ट्रैक्टर रैली के दौरान गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने बैरिकेड तोड़ दिए है जिसके बाद भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज भी किया. दरअसल, अक्षरधाम से पहले एनएच 24 पर पुलिस ने बैरिकेडिंग की हुई थी, लेकिन कुछ किसानों के जत्थे ने ट्रैक्टरों के साथ बैरिकेडिंग को तोड़कर दिल्ली की तरफ घुसने की कोशिश की तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और उनपर लाठीचार्ज कर दिया, किसानों को वहां से खदेड़ा गया है.
वहीं ट्रैक्टर रैली को लेकर किसान मजदूर संघर्ष समिति (KMSC) के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ने कहा है कि हम दिल्ली पुलिस के रूट का नहीं, बल्कि अपने रूट पर ही मार्च निकालेंगे. हमने दिल्ली पुलिस को बताया है कि हम बाहरी रिंग रोड पर जाएंगे, अब दिल्ली पुलिस को देखना है कि वो इसके लिए क्या व्यवस्था करते हैं.
बता दें कि किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान नोएडा के सेक्टर 14 ए चिल्ला बॉर्डर पर एक दुर्घटना भी हुई है. दरअसल रैली के दौरान स्टंट की वजह से ट्रैक्टर का संतुलन बिगड़ा और पलट गया. ट्रैक्टर पलटने से किसान संगठन के महानगर अध्यक्ष राजीव नागर घायल हो गए. मौके पर मौजूद सैकड़ों की संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर को सीधा किया और महानगर अध्यक्ष को बाहर निकाला.
किसानों ने अपने ट्रैक्टर रैली में जेसीबी को भी शामिल किया है जिसके जरिए वो रास्ता बनाने के लिए बैरिकेड्स भी हटा रहे हैं. संगीत की धुन और देशभक्ति नारों के साथ किसानों के ट्रैक्टर आगे बढ़ रहे हैं. दिल्ली पुलिस की तरफ से किसानों को सिंघु बॉर्डर पर 62 किलोमीटर, टिकरी बॉर्डर पर 63 किलोमीटर, और गाजीपुर बॉर्डर पर 46 किलोमीटर ट्रैक्टर परेड निकालने की इजाजत मिली है.