बालाकोट एयर स्ट्राइक और जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से ही भारत पाकिस्तान के बीच तनाव बना हुआ है. ऐसे में देश के थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि पाकिस्तान लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर लगातार सीजफायर तोड़ रहा है और कभी भी तनाव बढ़ सकता है इसलिए जवानों को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने की जरूरत है.
ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि अगर भारत-पाकिस्तान के बीच जंग छिड़ जाए तो दोनों देशों में से कौन किस पर भारी पड़ेगा. निश्चित तौर पर सैनिकों की संख्या हो, टैंक हो या फाइटरजेट हर मामले में भारत पाकिस्तान से काफी आगे है. किसी भी परिस्थिति में पाकिस्तान को भारी नुकसान और तबाही का सामना करना पड़ सकता है.
भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत का बयान ऐसे वक्त में आया है जब जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बनाया जा चुका है और इसकी खीज पाकिस्तान वैश्विक मंचों से जाहिर कर चुका है.
गौरतलब है कि केंद्रीय राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में कहा था कि सीमा पर सीजफायर की घटनाएं अगस्त से अक्टूबर के बीच 950 से ज्यादा हो चुकी हैं.
पिछले हफ्ते पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट कर संसद में पास हुए नागरिकता संशोधन बिल का विरोध किया था. पाकिस्तान पहले ही जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का विरोध कर रहा था, पाकिस्तान अब भारत के एक और फैसले के विरोध में उतर आया.
पीएम इमरान खान ने ट्वीट कर मोदी सरकार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर निशाना साधा था.
इमरान ने आरोप लगाया कि ये बिल दोनों देशों के बीच हुए समझौते के खिलाफ है.
इमरान खान ने ट्वीट कर लिखा, ‘भारत की लोकसभा द्वारा जो नागरिकता बिल पास
किया गया है, उसका हम विरोध करते हैं. ये कानून पाकिस्तान के साथ
द्विपक्षीय समझौते और मानवाधिकार कानून का उल्लंघन करता है. ये राष्ट्रीय
स्वयंसेवक संघ के हिंदू राष्ट्र का एजेंडा है जिसे अब मोदी सरकार लागू कर
रही है.
इमरान खान के इस कदम से कुछ दिन पहले ही POK के प्रधानमंत्री फारूक हैदर खान ने कहा था कि वे पीओके के आखिरी प्रधानमंत्री हो सकते हैं. नसीर अजीज ने दावा किया है कि इमरान ने POK का दर्जा बदलने के लिए कानूनी आधार तैयार करने के लिए संबंधित विभागों को निर्देश दिया है.
नसीर अजीज ने दावा किया है कि POK-गिलगित-बाल्टिस्तान के विलय की तैयारी भी चल रही है. वह भी गुपचुप तरीके से. इसके लिए संविधान संशोधन की तैयारी भी चल रही है. यह भी हो सकता है कि पूरे गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र का पाकिस्तान में विलय करने का प्रस्ताव लाया जा सकता है.
नसीर अजीज खान के अनुसार POK का विलय अवैध रूप से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में किया जा सकता है. POK के लोग इमरान खान के इस कदम पर आपत्ति जता रहे हैं.
पाकिस्तान POK-गिलगित-बाल्टिस्तान तीनों जगहों पर दमनकारी कदम उठाता रहा
है. अब वहां इमरान खान के इस कदम का भी विरोध हो रहा है. ऐसी आशंका जताई जा
रही है कि पाकिस्तानी सरकार POK-गिलगित-बाल्टिस्तान में मानवाधिकारों का
हनन कर सकती है.