अफगानिस्तान पर कब्जे के साथ ही तालिबान की दहशत शुरू हो चुकी है. सबसे ज्यादा चिंतित महिलाएं, जिन्हें तालिबान के सख्त कानूनों का डर सता रहा है. ऐसे में अफगान की एक पूर्व महिला पुलिस अधिकारी ने तालिबान की अगली चाल का खुलासा किया. इस पूर्व पुलिस अधिकारी ने बताया कि तालिबान जिस तरह आतंक फैला रहा है और दूसरी तरफ सुरक्षित शासन का वादा कर रहा है, उसमें बड़ी चाल है. अंतराष्ट्रीय दबाव से बचने के लिए तालिबान दोहरे रंग दिखा रहा है, लेकिन अभी तालिबान का मकसद कुछ और ही है... (प्रतीकात्मक फोटो/Getty images)
पूर्व अफगान पुलिस महिला अधिकारी ने काल्पनिक नाम जहरा बताते हुए कहा कि 'हम इस दुनिया के जहन्नुम में रहते हैं. मुझे इस स्थिति से नफरत है. मैं इस परिस्थिति और स्थिति में जीने की तुलना में मौत को पसंद करती हूं.' उन्होंने बताया कि तालिबान का टारगेट अब पिछली सरकार से जुड़ी महिला अधिकारी हैं. काबुल पर तालिबान का कब्जा होते ही जहरा अपने प्रांत में वापस भाग आईं.(प्रतीकात्मक फोटो/Getty images)
बेवसाइट मेट्रो को जहरा ने बताया कि वह काबुल में किराये के घर में रहती थी, लेकिन उसे डर था कि तालिबान पुलिस स्टेशन पर कब्जा करने के बाद उसे ट्रैक कर लेगा, इसलिए उन्होंने जल्द से जल्द काबुल को छोड़ दिया. उसने कहा कि उसे भविष्य को लेकर बड़ा डर सता रहा है. (प्रतीकात्मक फोटो/Getty images)
तालिबान द्वारा मंगलवार को जिस तरह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर महिलाओं को लेकर जो संदेश दिया, उस पर जहरा ने बताया कि काबुल में कोई भी महिला सड़क पर नहीं है. अफगानिस्तान के साथ जो भी हुआ, उससे हम डरे हुए हैं. केवल बूढ़ी महिलाएं ही आपातकालीन जरूरतों के लिए बाहर जा सकती हैं. (प्रतीकात्मक फोटो/Getty images)
तुर्की में प्रशिक्षित होने के बाद, ज़हरा को काबुल में एक कंप्यूटर विशेषज्ञ और कार्यालय प्रशासक के रूप में तैनात किया गया था. काबुल में तालिबान के पहुंचते ही वह छिप गईं थीं. तालिबान ने उन कार्यालयों पर नियंत्रण कर लिया है, जहां अफगान राष्ट्रीय पुलिस की डिजिटल फाइलों वाले हार्डवेयर रखे जाते हैं. (प्रतीकात्मक फोटो/Getty images)
पूर्व पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्हें तालिबान के इस दावे पर कोई भरोसा नहीं है कि महिलाएं समाज में 'बहुत सक्रिय' भूमिका निभाएंगी. क्योंकि जहरा ने तालिबान का वो शासन देखा है, जिसमें महिलाओं के लिए बेहद ही क्रूर नियम थे. नए युग में जहरा उन प्रशासनिक सेवाओं का हिस्सा रहीं, जिसके लिए तालिबान द्वारा सिर काटना और सार्वजनिक रूप से पत्थर मारकर हत्या करने की सजा शामिल है. (प्रतीकात्मक फोटो/Getty images)
उन्होंने कहा कि 'तालिबान अपने प्रतिशोध और अपराधों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय के गुस्से से सिर्फ बचना चाहता है. इसलिए दोहरा रंग दिखा रहा है. न तो मेरे सहकर्मी और न हीं मैं उन पर भरोसा कर सकती हूं, क्योंकि वे हमेशा घरों से बाहर काम करने वाली महिलाओं से नफरत करते हैं, खासकर सुरक्षा क्षेत्र में.' (प्रतीकात्मक फोटो/Getty images)
जहरा ने बताया कि खबर है कि तालिबान ने गुपचुप तरीके से महिला पुलिस अधिकारियों की तलाश शुरू कर दी है. चूंकि वे आंतरिक मामलों के मंत्रालय और पुलिस विभाग की कई फाइलों से उनके बारे में आसानी से पता लगाया जा सकता है, इसलिए तालिबान का उन्हें काबुल में तलाश करना बहुत मुश्किल काम नहीं था. इसलिए वे काबुल से भाग आईं. (प्रतीकात्मक फोटो/Getty images)
हालांकि जहरा को अब उम्मीद है कि वे ब्रिटेन के आपातकालीन पुनर्वास कार्यक्रम के तहत अफगानिस्तान से बाहर निकल सकती हैं. हालांकि जहरा अभी काबुल हवाई अड्डे से लगभग 150 मील दूर है, जहां तालिबान द्वारा यात्रियों के पासपोर्ट फाड़ने और लोगों को कोड़े मारने की खबरें सामने आ रही हैं. जहरा ने कहा कि 'मेरी एकमात्र उम्मीद यूके और यूएस सरकार है, जिनसे अपील है कि उन महिलाओं और लड़कियों को सुरक्षित यहां से निकाल दें, जिनकी जान को खतरा है. (प्रतीकात्मक फोटो/Getty images)