अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान(Taliban) की वापसी से सबसे ज्यादा दहशत में वहां रहने वाली महिलाएं हैं. तालिबान (Taliban) के पहले शासनकाल में महिलाओं पर सख्त कानून लगाए गए थे और उनकी आजादी को निर्ममता से छीन लिया गया था. अब एक बार फिर अपने भविष्य को लेकर कई महिलाएं बुरी तरह परेशान हैं. अफगानिस्तान की महिला फुटबॉल टीम( Female football team afghanistan) की पूर्व कप्तान भी दहशत में हैं.
अफगान वीमेन फुटबॉल लीग की को-फाउंडर रहीं खालिदा पोपल तालिबान राज आने के बाद से टूट चुकी हैं. उन्हें अपने देश की महिलाओं की चिंता सता रही है. उन्होंने अफगानिस्तान की यंग महिलाओं से कहा है कि उन्हें सोशल मीडिया प्रोफाइल डिलीट कर देनी चाहिए वहीं महिला फुटबॉल टीम को कहा कि उन्हें फुटबॉल किट्स जला देनी चाहिए.
खालिदा पोपल ने रायटर्स के साथ वीडियो इंटरव्यू में बताया कि तालिबानियों ने अपने पहले शासन काल में महिलाओं को पत्थर से मारा, रेप किया और जान से मारा है और महिला फुटबॉलर्स तालिबान के एक बार सत्ता में आने के बाद से ही दहशत में हैं. इन लोगों को कुछ समझ नहीं आ रहा है कि उनका भविष्य कैसा होने जा रहा है.
खालिदा ने कहा कि वे हमेशा से ही यंग महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती रही हैं और हमेशा उन्हें हिम्मत बंधाती रही हैं लेकिन तालिबान के राज आने के बाद वे टूट चुकी हैं. उन्होंने कहा कि मैं हमेशा युवा महिलाओं को कहती थी कि तुम्हें आगे बढ़ना है और कभी पीछे नहीं हटना है लेकिन अब मैं ऐसा नहीं कह पा रही हूं.
उन्होंने कहा कि आज मैं उन्हें कहना चाहती हूं कि अफगानिस्तान की यंग महिला खिलाड़ियों को अपनी आइडेंटिटी को खत्म कर देना चाहिए और अपनी सुरक्षा के लिए अपनी तस्वीरें ऑनलाइन हटा लेनी चाहिए. मैं उन्हें ये भी कह रही हूं कि उन्हें अपनी नेशनल टीम की य़ूनिफॉर्म को भी आग लगा देनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि लोग बेहद डरे हुए हैं. बहुत चिंतित हैं. सिर्फ महिला खिलाड़ी ही नहीं बल्कि एक्टिविस्ट्स भी डरे हुए हैं. वे कहीं नहीं जा सकते हैं. उनके पास कोई प्रोटेक्शन नहीं है. उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि वे अगर मुसीबत में पड़ते हैं तो उन्हें किसके पास जाना चाहिए. उन्हें लगता है कि किसी भी समय कोई उनका दरवाजा खटखटाएगा और सब खत्म हो जाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि ये एक देश के पतन की शुरुआत है. महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए जो भी काम किया गया था, वो मिट्टी में मिल चुका है. वही इस मामले में फीफा के प्रवक्ता ने भी अफगानिस्तान में चल रहे हालातों को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि हम अफगानिस्तान के फुटबॉल फेडरेशन के संपर्क में है. हम स्थिति को मॉनीटर कर रहे हैं और हम अपनी तरफ से पूरा समर्थन देने की कोशिश करेंगे.