बुजुर्ग का नाम है बशीर अहमद. बशीर अपने 3 साल के पोते सोहेल की जिद की वजह से उसे बाजार लेकर आए थे. गोलीबारी के बीच बशीर को भी गोली लगी तो वहीं सड़क पर गिर पड़े. गोलीबारी के बीच सोहेल अपने दादा बशीर के शव पर तब तक बैठा रहा जब तक पुलिसकर्मी ने उसे वहां से हटाया नहीं. सोहेल को ये नहीं पता था कि उसके दादा के साथ क्या हुआ है.