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यूपीः 15 हजार के लिए अस्पताल ढाई महीने तक रोके रहा कोरोना पॉजिटिव का शव

Hapur deceased corona patients body cremated after 2 months
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यूपी के जनपद हापुड़ में कोरोना का कहर अभी भी देखने को मिल रहा है. ताजा मामला हापुड़ के सिटी कोतवाली क्षेत्र का है जहां पर 15 हजार रुपये न होने पर कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के शव का करीब ढाई माह बाद गुरुवार को अंतिम संस्कार किया गया.

Hapur deceased corona patients body cremated after 2 months
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मृतक युवक अप्रैल माह में कोरोना पॉजिटिव हुआ था जिसके इलाज के दौरान मेरठ रेफर कर दिया गया था. मेरठ में इलाज के दौरान व्यक्ति की मौत हो गई थी.

Hapur deceased corona patients body cremated after 2 months
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उस दौरान व्यक्ति की पत्नी से अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा कहा गया कि अंतिम संस्कार के लिए शव देने के लिए 15 हजार रुपये लगेंगे, तब शव दिया जाएगा वरना हम लोग ही अंतिम संस्कार कर देंगे.

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Hapur deceased corona patients body cremated after 2 months
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इसके बाद पत्नी पैसे का इंतजाम करने हापुड़ आ गई किंतु उससे शव के लिए 15 हजार रुपये का इंतजाम नहीं हो सका और वह अस्पताल द्वारा अंतिम संस्कार की बात सोचकर शव लेने नहीं गई और हापुड़ से अपने दो बच्चो को लेकर अपने गांव चली गई.

Hapur deceased corona patients body cremated after 2 months
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अब करीब ढाई माह बाद अस्पताल को शव की सुध आई. अस्पताल द्वारा शव को परिजनों के इंतजार के लिए रखा हुआ था. (प्रतीकात्मक फोटो)

Hapur deceased corona patients body cremated after 2 months
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जब ढाई माह बाद भी कोई शव लेने नहीं आया तो मेरठ अस्पताल ने शव को हापुड़ स्वास्थ्य विभाग को सुपुर्द कर दिया और हापुड़ स्वास्थ्य विभाग ने तीन दिन पहले शव को जीएस मेडिकल कॉलेज में रखवा दिया. उसके बाद प्रशासन के सहयोग से परिजनों को ढूंढने लगे. गुरुवार को जब परिजनों का पता चला तो परिजनों को शव दे दिया गया और एनजीओ के माध्यम से शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया. (प्रतीकात्मक फोटो)

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इस मामले में हापुड़ सीएचसी प्रभारी डॉक्टर दिनेश खत्री का कहना है कि मृतक के भाई को मेरठ के अस्पताल से पॉजिटिव की बात बताई गई थी लेकिन वह यह बात सुनकर भाग गया था और तब से अब तक अपना मोबाइल भी स्विच ऑफ भी किया हुआ है लेकिन अब मृतक के मकान मालिक व उसकी पत्नी को ढूंढ कर शव उनके सुपुर्द कर दिया गया है. शव का अंतिम संस्कार भी एक एनजीओ के माध्यम से करा दिया गया है. (प्रतीकात्मक फोटो)

Hapur deceased corona patients body cremated after 2 months
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लेकिन जब मृतक के मासूम बच्चे और पत्नी श्मशान पर अंतिम संस्कार के लिए आई तो उनके आंसू रोके न रुक रहे थे. हालांकि अस्पताल कोरोना से मृतक का शव ज्यादा दिनों तक नहीं रखा जाता लेकिन इस मामले ने एक बार फिर स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं. (प्रतीकात्मक फोटो)

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