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20 रुपये में कविताएं बेचकर गरीबों को खाना खिलाता है ये प्रोजेक्ट इंजीनियर

20 रुपये में अपनी कविताएं बेचकर खाना खिलाता है शख्स
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एक तरफ लोग अपने टैलेंट से पैसा कमा रहे हैं, वहीं तमिलनाडु के त्रिची में रहने वाला 24 साल का युवक 20 रुपये में अपनी कविताओं को बेचकर गरीबों को खाना खिलाता है. काविन कुमार ने इंस्टाग्राम पर मलाये काविनज्ञान नाम का एक पेज बनाया है. जिसके जरिए वो अपनी कविताओं को बेचकर पैसा इकट्ठा करते हैं और सड़क पर रहने वाले गरीब लोगों का पेट भरते हैं. काविन यह काम पिछले दो सालों से करते आ रहे हैं. 

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काविन ने बताया कि शुरुआत से ही सोशल मीडिया पर इस पेज बनाने का उनका मकसद गरीबों की सहायता करना था. धीरे-धीरे लोगों उनके पेज से जुड़ते गए और कविताओं की मांग बढ़ती चली गई. वो एक कविता के 20 रुपये लेते और इन पैसों को जोड़कर वो गरीबों के लिए खाने का इंतजाम करते. एक दिन उन्होंने एक अनाथालय को 25 किलो चावल दान किए बस यहीं से यह सिलसिला आगे बढ़ता चला गया. 

20 रुपये में अपनी कविताएं बेचकर खाना खिलाता है शख्स
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इंस्टाग्राम पर उनके सिर्फ 35 हजार ही फालोअर्स हैं, लॉकडाउन के दौरान भी उन्होंने लोगों का खाना खिलाया. अब लोगों बिना कविता खरीदे ही उन्हें दान देने लगे हैं. हाल ही में किसी ने उन्हें 70 हजार रुपये का दान दिया. अब लोग उनके काम को अच्छी तरह से समझने लगे हैं. 

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काविन ने बताया कि कुछ दिन पहले वो और उनके पिता कोविड पॉजिटिव हो गए थे. हमारे परिवार के लिए वो काफी मुश्किल समय था. बावजूद इसके उन्होंने काम करना बंद नहीं किया और उनकी मां ने भी उन्हें काम करने से कभी नहीं रोका. कोविन ने बताया कि इस दौरान उनके दो दोस्तों ने उनकी काफी मदद की और वो दोनों खाना पैक करते और बांटते. मैं अलग रह कर फोटो और वीडियो पोस्ट करता था. इस तरह से काम चलता रहा. 

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काविन के पिता एक फिल्म डिस्ट्रिब्यूटर हैं और मां सरकारी अस्पताल में नर्स. काविन का कहना है कि उनकी मां हमेशा से तमिल भाषा के लिए काफी भावुक रही हैं. बचपन से उन्हें कविताएं लिखने और पढ़ने का शौक रहा. वो स्कूल के दिनों से ही कविताओं की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते थे. नौकरी के साथ साथ वो लगातार कविताएं लिखते रहते हैं. गरीबों को खाना खिलाने में लगे हैं. 

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