हमारे सौर मंडल के लाल ग्रह यानी मंगल पर पिछले 61 सालों में 58 मिशन भेजे जा चुके हैं. मंगल ग्रह पर मिशन भेजने की शुरूआत सबसे पहले सोवियत संघ ने की थी लेकिन पहली सफलता अमेरिका के हाथ लगी. ये बात थी अमेरिका और सोवियत संघ के बीच चल रहे तीसरे शीत युद्ध के समय की. सोवियत संघ ने पहला मंगल मिशन 10 अक्टूबर 1960 को भेजा था. आइए जानते हैं दुनिया भर से भेजे गए मंगल मिशन से जुड़ी हर जानकारी... (फोटोः रॉसकॉसमॉस)
मंगल ग्रह पर अब तक सबसे ज्यादा मिशन अमेरिका ने 29, दूसरे नंबर पर सोवियत संघ/रूस ने 22 और तीसरे नंबर पर यूरोपियन यूनियन ने 4 मिशन भेजे हैं. भारत, जापान, चीन और यूएई ने एक-एक मिशन भेजे हैं. मंगल ग्रह पर अब तक 8 देशों ने अब तक मंगल मिशन भेजे हैं. ये हैं- अमेरिका, सोवियत संघ/रूस, जापान, यूरोपियन यूनियन, इंग्लैंड, चीन, भारत और संयुक्त अरब अमीरात. (फोटोः यूएई स्पेस एजेंसी)
मंगल ग्रह पर जो कुल 58 मिशन भेजे गए हैं, उनमें से 23 फेल (39.65 फीसदी), 31 सफल (53.44 फीसदी) और 3 आंशिक फेल (5.17 फीसदी) हुए हैं. विफल मिशन में से 10 लॉन्च फेल्योर थे. 13 स्पेसक्राफ्ट फेल थे. 22 सफल मिशन में से फिलहाल 9 ही ऑपरेशनल हैं. यानी 49 ही अब तक हुए हैं. अमेरिका का एक मिशन मंगल ग्रह के रास्ते में है, जो 18 फरवरी को उसकी कक्षा में पहुंचेगा. (फोटोः नासा)
मंगल ग्रह पर इस समय 13 लैंडर वर्किंग कंडिशन में हैं. जबकि, एक ही रोवर काम कर रहा है. ये है अमेरिका का क्यूरियोसिटी रोवर, जो 2012 से अब तक काम कर रहा है. इस साल अमेरिका और चीन के रोवर मंगल की सतह पर उतरेंगे. इसके अलावा 2023 में मंगल ग्रह पर रोसेलिंड फ्रैंकलिन रोवर उतारा जाएगा. (फोटोः नासा)
अक्टूबर 1960 से लेकर नवंबर 1962 तक किसी ने मंगल ग्रह पर लैंडर या यान उतारने की नहीं सोची थी. सोवियत संघ ने सोचा कि वह सबसे पहले लैंडर उतारकर दुनिया में धाक जमाएगा लेकिन विफल रहा. तब तक वह फ्लाईबाय मिशन भेज रहा था, यानी मंगल ग्रह के बगल से यान गुजर जाएगा. फ्लाईबाय मिशन की पहली सफलता (फोटोः मरीनर-4) अमेरिका को 28 नवंबर 1964 में मिली. (फोटोःनासा)
मंगल ग्रह के चारों तरफ चक्कर लगाने वाले ऑर्बिटर मिशन की पहली सफलता (फोटोः मार्स-3) सोवियत संघ को 19 मई 1971 में मिली. 28 मई को सोवियत संघ ने मंगल ग्रह पर रोवर उतारने की विफल कोशिश की. लेकिन इस मिशन में साथ गया लैंडर सफलता के झंडे गाड़ने लगा. अमेरिका पिछड़ गया. अमेरिका का पहला ऑर्बिटर 30 मई 1971 में सफल हुआ. अमेरिका को लैंडर उतारने की सफलता 20 अगस्त 1975 में मिली. (फोटोः रॉसकॉसमॉस)
मंगल ग्रह पर सबसे पहले रोबोटिक रोवर उतारने का ताज अमेरिका के सिर जाता है. उसने 4 दिसंबर 1996 को सोजर्नर नाम का रोवर मंगल ग्रह की सतह पर उतारा. दूसरा रोवर स्पिरिट और तीसरा रोवर ऑर्प्यूनिटी 2003 में उतारा. (फोटोःनासा)
इसके दस साल बाद भारत ने पहली ही बार में अंतरिक्ष विज्ञान में इतिहास बना दिया. भारत ने 5 नवंबर 2013 को मंगलयान नाम का ऑर्बिटर भेजा जिसने एक बार में ही मंगल की कक्षा में प्रवेश कर लिया. इससे पहले किसी भी देश को पहली बार में ये सफलता नहीं मिली थी. (फोटोःइसरो)
किस दशक में कितने मिशन गए मंगल परः 1960 के दशक में 12, 1970 के दशक में 11, 1980 के दशक में 2, 1990 के दशक में 7, 2000 के दशक में 8, 2010 के दशक में 6 और 2020 के दशक में अब तक तीन मिशन मंगल ग्रह पर जा चुके हैं. (फोटोः नासा)
भविष्य के संभावित मिशनः अगले चार सालों में मंगल ग्रह पर पांच देश मंगल ग्रह पर अपने मिशन भेजने वाले हैं. इनमें सबसे पहले यूरोपियन यूनियन और रूस का यान मंगल पर जाएगा. यूरोपियन यूनियन और रूस मिलकर 2022 में एक्सोमार्स (ExoMars 2022) नाम का लैंडर-रोवर भेजेंगे. फोटो में दिख रहा है मरीनर-3 यान जो अमेरिका का पहला मंगल मिशन था. (फोटोः नासा)
साल 2022 में ही जापान एक ऑर्बिटर और लैंडर मंगल पर भेजेगा. इसका नाम हो मार्स टेराहर्टज माइक्रोसैटेलाइट (Mars Terahertz Microsatellite). साल 2023 में अमेरिका का साइकी (Psyche) यान मंगल ग्रह के बगल से निकलेगा. यह धातुओं से भरे एस्टेरॉयड साइकी 16 (Psyche 16) की स्टडी करने जाएगा. फोटो में दिख रहा है मरीनर-9 जो अमेरिका पहला सफल ऑर्बिटर मिशन था. (फोटोः नासा)
भारत साल 2024 में मंगलयान-2 (Mangalyaan-2) भेजेगा. इसमें एक ऑर्बिटर होगा साथ में संभवतः एक लैंडर भी हो. इसी साल जापान मार्शियन मून्स एक्सप्लोरेशन (Martian Moons Exploration) नाम का मंगल मिशन भेजेगा. यह एक ऑर्बिटर होगा. फोटो में दिख रहा है नासा पर्सिवरेंस यान जो 18 फरवरी को मंगल की कक्षा में पहुंचेगा. (फोटोः नासा)