वैज्ञानिकों ने करीब 10 साल की मेहनत के बाद अंटार्कटिका में आई उस पहली दरार का पता लगा लिया है जिसकी वजह से आइस शेल्फ से एक विशाल हिमखंड (आइसबर्ग) टूट गया. इस हिमखंड का आकार मुंबई शहर के दोगुने से भी ज्यादा है. यह घटना नवंबर 2020 में आइस शेल्फ पर बनी एक बड़ी दरार के बाद घटी है. शुक्रवार की सुबह (26 फ़रवरी ) को यह आइस बर्ग पूरी तरह टूट कर अलग हो गया.
"नॉर्थ रिफ्ट" दरार पिछले दशक में ब्रंट आइस शेल्फ में सक्रिय रूप से सबसे अहम हिस्सा था. इसलिए ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे (बीएएस) के वैज्ञानिकों को इसके अलग होने की पूरी उम्मीद थी. बता दें कि इस हिमखंड का आकार 1,270 वर्ग किमी है जबकि मुंबई का आकार 603 वर्ग किलोमीटर ही है.
बीएएस के निदेशक डेम जेन फ्रांसिस ने एक बयान में कहा, '' हमारी टीमें बरसों से ब्रंट आइस शेल्फ से एक हिमखंड के अलग होने को लेकर पूरी तरह तैयार थी. आने वाले हफ्तों या महीनों में, हिमखंड मूल हिस्से से दूर जा सकता है, या फिर यह चारों तरफ से ब्रंट आइसबर्ग के करीब रह सकता है." राष्ट्रीय महासागरीय और वायुमंडलीय एजेंसी के अनुसार अब यह हिमखंड खुले पानी में तैर रहा है.
अटार्कटिका के नॉर्थ रिफ्ट में प्रति दिन लगभग 0.6 मील (1 किमी) की दर से पूर्वोत्तर की ओर बढ़ी, लेकिन 26 फरवरी की सुबह, दरार ने कुछ ही घंटों में कुछ सौ मीटर चौड़ा फासला बना लिया. बयान के अनुसार, यह बर्फ विभाजन एक प्राकृतिक प्रक्रिया के कारण हुआ, और इस बात का कोई सबूत नहीं है कि जलवायु परिवर्तन ने इसमें कोई भूमिका निभाई है.
492 फुट मोटी (150 मीटर) बर्फ की स्लैब वाली ब्रंट आइस शेल्फ प्रति वर्ष 1.2 मील (2 किमी) पश्चिम में बहती है और नियमित रूप से हिमखंडों को शांत करती है. हालांकि, यह आइसबर्ग बहुत बड़ा है जिसका अनुमानित आकार लगभग 490 वर्ग मील (1,270 वर्ग किमी) है.