सरकारी अफसरों पर कार्रवाई की मांग को लेकर या भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों को धरना-अनशन करते अक्सर देखा जा सकता है. लेकिन क्या कोई किसी सरकारी अधिकारी के ट्रांसफर को रुकवाने के लिए भूख हड़ताल पर बैठ सकता है?
(फोटो-उमेश रेवलिया)
खरगोन के जिलाधिकारी दफ्तर के बाहर शनिवार से भूख हड़ताल पर बैठे युवक की अपनी खुद के लिए कोई मांग या समस्या नहीं है. दरअसल इसने एक सरकारी अधिकारी के ट्रांसफर को रुकवाने की मांग को लेकर ये रास्ता अपनाया है.
दरअसल, बड़वाह के चीफ म्युनिसिपल ऑफिसर (सीएमओ) पद पर तैनात राधेश्याम मंडलोई का बीते दिनों ट्रांसफर कर दिया गया. ट्रांसफर रुकवाने के लिए स्थानीय लोगों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. जब ट्रांसफर नहीं रुका तो महात्मा गांधी नगर के रहने वाले युवक राकेश चौहान ने डीएम दफ्तर के बाहर शनिवार शाम से धरना देना शुरू कर दिया.
राकेश चौहान का कहना है कि 'सीएमओ राधेश्याम मंडलोई ने बड़वाह शहर को स्वच्छ बनाने के लिए अच्छी पहल की थी. मैं भी उनके साथ जुड़कर बीते 60 दिनों से स्वच्छता अभियान में श्रमदान कर रहा था. हम सब ने मिलकर शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए एक रोडमैप तैयार किया था लेकिन ये सब तैयारी धरी रह गई और बीच में ही सीएमओ का ट्रांसफर कर दिया गया. मैं इसीलिए भूख हड़ताल पर बैठा हूं कि सीएमओ का ट्रांसफर रोक दिया जाए.'
राकेश चौहान के मुताबिक स्वच्छ भारत रैंकिंग में बड़वाह को अच्छे रैंक पर लाने के लिए राधेश्याम मंडलोई को मिशन पूरा होने तक बड़वाह में ही तैनात रहने दिया जाए. राकेश चौहान ने बैनर पर भी लिखा हुआ है कि ‘स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 का परिणाम घोषित होने तक बड़वाह सीएमओ राधेश्याम मंडलोई का ट्रांसफर स्थगित करो.’