हैदराबाद गैंगरेप और मर्डर केस के चारों आरोपियों के एनकाउंटर की खबर ने हर किसी को हैरत में डाल दिया है. दरअसल, चारों आरोपी पुलिस रिमांड में थे और उन्हें गुरुवार देर रात नेशनल हाइवे-44 पर क्राइम सीन पर ले जाया गया था.
पुलिस सूत्रों की मानें तो क्राइम सीन रिक्रिएट करने के दौरान आरोपियों ने पुलिस पार्टी पर हमला कर दिया और धुंध का फायदा उठाकर भागने की कोशिश की.
इसके बाद पुलिस ने मुठभेड़ में चारों आरोपियों को मार गिराया. बहरहाल, हैदराबाद पुलिस की इस कार्रवाई की सोशल मीडिया मिली-जुली प्रतिक्रिया आ रही है. जहां देश की न्याय व्यवस्था में भरोसा खो चुके कुछ लोग एनकाउंटर पर खुशी जता रहे हैं तो वहीं कुछ लोग आरोपियों के एनकाउंटर पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
बता दें कि डॉक्टर दिशा को किडनैप कर उसके साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया था. इसके बाद डॉक्टर दिशा की हत्या कर दी गई थी और शव पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी गई थी.
निर्भया की मां ने एनकाउंटर पर खुशी जताई और कहा कि ये बिल्कुल सही हुआ. मैं पिछले सात साल से न्याय का इंतजार कर रही हूं और कोर्ट के चक्कर लगा रही हूं.
आरोपियों के मारे जाने पर दिशा के पिता ने भी खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि मेरी बेटी की मौत के 10 दिन के अंदर आरोपियों को मार दिया गया. मैं तेलंगाना सरकार, पुलिस और मेरे साथ खड़े लोगों को बधाई देता हूं. मेरी बच्ची की आत्मा को शांति मिल गई.
एक यूजर ने लिखा, मुझे इन आरोपियों के साथ बिल्कुल भी सहानुभूति नहीं है लेकिन यह न्याय करने का कोई तरीका नहीं है. तेलंगाना पुलिस यह शर्मनाक है.
ऋषि कपूर ने भी एनकाउंटर के लिए तेलंगाना पुलिस की तारीफ की. उन्होंने लिखा, ब्रेवो तेलंगाना पुलिस, मेरी तरफ से आपको बधाई. बैडमिंटन प्लेयर साइना नेहवाल ने भी हैदराबाद पुलिस को सलामी दी.
एक यूजर ने लिखा, मुझे भले ही ट्रोल किया जाएगा लेकिन न्याय का यह सही तरीका नहीं है. हमने पुलिस को आरोपियों पर गोली चलाने के लिए नहीं बल्कि ऐसे समाज की मांग की थी जिसमें महिलाएं सुरक्षित रह सके. इस एनकाउंटर से कुछ लोगों को खुशी मिलेगी लेकिन इससे समस्या खत्म नहीं होने वाली है.
एक यूजर ने लिखा, अब कोई तारीख पर तारीख नहीं होगी. यह सबके लिए खुशखबरी है. इस यूजर ने एनकाउंटर करने वाले पुलिस अफसर को पूरे देश का हीरो बताया है.
वहीं तहसीन पूनावाला ने लिखा, संसद के भीतर कुछ सांसद रेप आरोपियों की पब्लिक लिचिंग करने की मांग करते हैं और बाहर पुलिस एनकाउंटर कर देती है. व्यवस्था दुरुस्त करने के बजाय पुलिस एनकाउंटर कर रही है. व्यवस्था पूरी तरह से खत्म हो चुकी है और हम कानूनविहीन देश की तरफ आगे बढ़ रहे हैं.
गौरव पंधी ने लिखा, अगर एनकाउंटर ही तरीका है तो फिर बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर और बीजेपी के पूर्व मंत्री चिन्मयानंद, बीजेपी सांसद निहाल चंद और बाकियों का क्या?
रकुल सिंह ने एनकाउंटर पर खुशी जताई और कहा कि आखिर रेप जैसे अपराधों को अंजाम देने वाला कितनी दूर तक भाग पाएगा?
शिव अरूर ने लिखा, डॉक्टर का परिवार अभी भी दुख और सदमे में है वे एनकाउंटर का स्वागत ही करेंगे. उन्होंने अभी अभी अपनी बेटी-बहन की जली लाश देखी हैं. कौन ऐसे में मौत नहीं चाहेगा. लेकिन उनके इमोशन का इस्तेमाल एक फर्जी एनकाउंटर को उचित ठहराने में किया जा रहा है.
संजुक्ता बसु ने लिखा, शॉकिंग! हम क्या हो गए हैं, क्या सबूत था कि वे असली दोषी थे. क्या हमें जांच की सूचना और गवाह के बारे में पता है. शायद उनके पास वकील ही नहीं रहे हों और उन्हें सुनवाई का मौका ही नहीं मिला. वे एनकाउंटर में मारे गए और हम जश्न मना रहे हैं.
तहसीन ने लिखा, क्या आपको वो बस कंडक्टर याद है जिसे रेयान इंटरनेशनल स्कूल में प्रद्युम्न मर्डर केस में आरोपी बनाया गया था. उसने जुर्म कबूल भी कर लिया था लेकिन बाद में जांच में पता चला कि कंडक्टर बेगुनाह था. कल्पना कीजिए अगर पुलिस ने उसे भी एनकाउंटर में मार गिराया होता.
वरिष्ठ वकील करुणा नंदी ने लिखा, अब कभी किसी को नहीं पता चलेगा कि पुलिस ने जिन चारों को मारा, वे निर्दोष तो नहीं थे. तेजी से कार्रवाई दिखाने के लिए कहीं उन्हें गिरफ्तार तो नहीं किया गया था और कहीं जो असली गुनहगार है वे बेफिक्र होकर घूम तो नहीं रहे हो.
केतन नाम के यूजर ने लिखा, हर रेपिस्ट के साथ ऐसा ही होना चाहिए, पुलिस का सीधा फैसला होना चाहिए.
आकाश बनर्जी ने लिखा, एनकाउंटर सरकार समर्थित लिंचिंग होती है.
वहीं एक पुराने ट्वीट का स्क्रीनशॉट करते हुए गौरव ने लिखा कि क्या पुलिस ने एनकाउंटर की स्क्रिप्ट ट्विटर से ही उठाई थी?