कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था डूबती जा रही है. ऐसे में भारतीय अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है. लॉकडाउन 4.0 का संकेत देते हुए उन्होंने देश में लोकल-वोकल का फॉर्मूला भी दिया. पीएम मोदी इसके जरिए देश में स्वदेशी उत्पादों के इस्तेमाल को बढ़ावा देना चाहते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाना होगा, सिर्फ रफ्तार नहीं बढ़ानी होगी बल्कि क्वानटम जंप भी लगाना होगा.
इस फॉर्मूले का मतलब यह है कि अब भारत दूसरे देशों पर अपनी निर्भरता को पहले के मुकाबले कम करेगा. देश में अब स्थानीय स्तर पर लोगों को स्वरोजगार के लिए अवसर मुहैया कराते हुए उस क्षेत्र में निर्मित सामानों के इस्तेमाल पर जोर दिया जाएगा ताकि चीन जैसे देशों के उत्पाद के दबदबे को कम किया जा सके. पीएम मोदी ने इसके लिए पीपीई किट का भी उदाहरण दिया.
पीएम मोदी ने स्थानीय उत्पादों के इस्तेमाल पर जोर देते हुए कहा कि भारत दुनिया के लिए एक बाजार के साथ-साथ सबसे बड़ी डिमांड का क्षेत्र भी है, इसका सही इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है.
पीएम मोदी के देश में निर्मित उत्पादों के ज्यादा इस्तेमाल पर जोर देने का प्रमुख कारण चीन के साथ भारत के कूटनीतिक रिश्ते हैं.
स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देकर भारत चीन से मुकाबला कर सकते हैं.एशिया में चीन के बढ़ते दबदबे को कम करने की क्षमता सिर्फ भारत में ही है क्योंकि अगर ऐसा नहीं किया तो इससे भारत के सामरिक हितों का नुकसान होगा.
चीन लगातार ऐसी हरकतें कर रहा है, जिससे एशियाई देशों में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बनी रहे. सबसे ज्यादा परेशानी भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, ताइवान, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे पड़ोसी देशों को हो रही है.
बता दें कि भारत में मोबाइल, कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स, साज-सज्जा, लाइटिंग, समेत कई घरेलू उत्पाद भी चीन से बनकर आते हैं जिसका हम इस्तेमाल करते हैं.
चीन भारत में अपना उत्पाद बेचकर मोटा पैसा कमाता है जिसका इस्तेमाल वो अपने देश के विकास और एशिया सहित पूरी दुनिया में वर्चस्व बनाए रखने के लिए करता है. कूटनीतिक स्तर पर चीन के इसी चाल को मात देने और भारतीय अर्थव्यवस्था को फिर से उठाने के लिए पीएम मोदी ने मंगलवार को लोकल और वोकल का नारा दिया.