सेना के पूर्व सूबेदार अब्दुल बाकी ने बताया कि उस वक्त सेना के पास गाड़ी नहीं हुआ करती थी. हम याक फिर या घोड़े से पोस्ट तक जाया करते थे और वहां पेट्रोलिंग करते थे. उन्होंने कहा, उस दौरान ज्यादा कठिन चुनौतियां थीं. ऐसे हथियार थे जिन्हें एक बार चलाने के बाद उसके नोजल की सफाई करनी पड़ती थी.