scorecardresearch
 
Advertisement
ट्रेंडिंग

कर्नाटक में मिला 1600 टन लिथियम का भंडार, जानें-क्यों है ये भारत के लिए अहम खोज

India Finds 1600 tonnes of Lithium
  • 1/8

केंद्र सरकार ने 12 मार्च 2020 को ही राज्यसभा में ये जानकारी दी थी कि उन्हें कर्नाटक के मंड्या जिले में लिथियम के स्रोत का पता चला है. ये स्रोत मंड्या जिले के मार्लागाला-अल्लापटना क्षेत्र में मिला है. साल भर के भूगर्भीय रिसर्च और खोजबीन के बाद अब ये पता चला है कि वहां पर 1600 टन लिथियम अयस्क मौजूद है. आखिरकार केंद्र सरकार को लिथियम की इतनी जरूरत क्यों है? सरकार क्यों खोज रही है लिथियम के स्रोत...आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)

India Finds 1600 tonnes of Lithium
  • 2/8

पिछले साल 12 मार्च को हुए राज्यसभा सत्र में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि हमें कर्नाटक के मंड्या जिले में लिथियम का स्रोत मिला है. कुछ दिन जांच करने के बाद ये बता पाएंगे कि वहां कितना लिथियम है. लिथियम (Lithium) एक रेअर अर्थ एलीमेंट (Rare Earth Element) है. भारत अभी तक अपने लिथियम की 100 फीसदी जरूरत चीन और अन्य लिथियम निर्यात करने वाले देशों के जरिए पूरा करता था. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)

India Finds 1600 tonnes of Lithium
  • 3/8

भारत हर साल लिथियम बैटरी आयात करता है. ये बैटरी आपके फोन, टीवी, लैपटॉप, रिमोट हर जगह उपयोग होती हैं. साल 2016-17 में केंद्र सरकार ने 17.46 करोड़ से ज्यादा की लिथियम बैटरी आयात की थी. इसकी कीमत थी 384 मिलियन यूएस डॉलर्स यानी 2818 करोड़ रुपए. साल 2017-18 में 31.33 करोड़ बैटरी आयात की, कीमत थी 727 मिलियन डॉलर्स यानी 5335 करोड़ रुपए. साल 2018-19 में 71.25 करोड़ बैटरी आई, कीमत थी 1255 मिलियन डॉलर्स यानी 9211 करोड़ रुपए. साल 2019-20 में 45.03 करोड़ बैटरी आई, कीमत थी 929 मिलियन डॉलर्स यानी करीब 6820 करोड़ रुपए. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)

Advertisement
India Finds 1600 tonnes of Lithium
  • 4/8

लिथियम आयन बैटरी का उपयोग स्पेस टेक्नोलॉजी में बहुत ज्यादा होता है. इस खर्चे को कम करने के लिए भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग के एटॉमिक मिनरल्स डायरेक्टोरेट फॉर एक्सप्लोरेशन एंड रिसर्च ने देश भर में लिथियम के स्रोत की खोज करनी शुरू की. लिथियम का अयस्क जो भारत में मिला है वो है लेपिडोलाइट (Lepidolite), स्पॉडूमीन (Spodumene) और एम्बील्गोनाइट (Amblygonite). भारत में इसके स्रोत मिले हैं. आइए जानते हैं कि एटॉमिक मिनरल्स डायरेक्टोरेट को देश के किन हिस्सों में लिथियम के स्रोत मिलने के आसार हैं. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)

India Finds 1600 tonnes of Lithium
  • 5/8

जिन स्थानों पर लिथियम के स्रोत हो सकते हैं, उनमें शामिल हैं छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले का काटघोड़ा-गढ़हाटारा क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के नाको ग्रेनाइट इलाके में, बिहार के नवादा जिले के पिछली मेघहटारी क्षेत्र में, बिहार के जमुई जिले के हर्णी-कल्वाडीह छरकापतल और परमनिया-तेतरिया इलाके में, राजस्थान के सिरोही जिले के सिबागांव इलाके में, मेघालय के ईस्ट खासी हिल्स जिले के उमलिंगपुंग ब्लॉक में और झारखंड के कोडरमा के धोराकोला-कुशहना इलाके में. इसके अलावा ओडिशा, केरल, मध्यप्रदेश और तमिलनाडु में भी लिथियम की खोज के लिए तैयारी की गई है. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)

India Finds 1600 tonnes of Lithium
  • 6/8

लिथियम आयन पर भारत दूसरे देशों पर निर्भर है. इस दुर्लभ खनिज के सबसे बड़े स्रोत ये देश हैं. बोलिविया में लिथियम का 21 मिलियन टन, अर्जेंटीना में 17 मिलियन टन, चिली में 9 मिलियन टन, अमेरिका में 6.8 मिलियन टन, ऑस्ट्रेलिया में 6.3 मिलियन टन और चीन 4.5 मिलियन टन स्रोत मौजूद है. इन देशों के बीच लिथियम निर्यात करने की प्रतियोगिता चलती रहती है. कभी चिली आगे निकलता है तो कभी ऑस्ट्रेलिया. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)

India Finds 1600 tonnes of Lithium
  • 7/8

लिथियम आयन बैटरी का उपयोग इलेक्ट्रिक गाड़ियों, स्पेसक्राफ्ट यानी सैटेलाइट्स, लैंडर-रोवर, मोबाइल बैटरी, घड़ी का सेल, वर्तमान समय में मौजूद हर प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं जिसमें बैटरी का उपयोग होता है. इसके अलावा विभिन्न प्रकार के मेडिकल इंस्ट्रूमेंट्स और दवाइयों में भी इसका उपयोग किया जाता है. ये दवाइयां आमतौर पर बाइपोलर डिस्ऑर्डर, मैनिक-डिप्रेसिव डिस्ऑर्डर, डिप्रेशन, असंतुलित दिमाग के लिए बनाई जाती है. हालांकि इसमें इसकी मात्रा बेहद कम होती है, लेकिन इसका उपयोग मेडिकल इंडस्ट्री में बहुत ज्यादा है. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)

India Finds 1600 tonnes of Lithium
  • 8/8

स्पेसएक्स और टेस्ला कार कंपनी के मालिक एलन मस्क तो अपनी इलेक्ट्रॉनिक कारों में बैटरी लगाने के लिए अमेरिकी धरती पर लिथियम के खदान को खरीदना चाहते हैं. इससे मिलने वाले लिथियम का उपयोग वो अपनी गाड़ियों में करेंगे और देश की घरेलू जरूरतों को पूरा करेंगे. चीन में दुनिया का सबसे ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का काम होता है. इसलिए चीन ने लिथियम के खदानों पर खूब काम किया. चीन में ही सबसे ज्यादा लिथियम आयन बैटरियां बनाई जाती हैं. यहीं से कई देशों में बैटरी की सप्लाई होती है. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)

Advertisement
Advertisement