मध्य प्रदेश के खरगोन में विलुप्त प्रजाति का इंडियन एग ईटर स्नेक मिला है. वन विभाग की अनुसूची-एक में इस सांप का स्थान है. ये सांप मध्य प्रदेश में दूसरी बार मिला है. एशिया में केवल ये सांप ही है जिसका आहार सिर्फ चिड़िया के अंडे हैं. (खरगोन सेे उमेश रेवलिया की रिपोर्ट)
जिला मुख्यालय से 60 किमी दूर मण्डलेश्वर उप जेल के पास त्रिभुवन सिंह तोमर के घर सांप निकलने की सूचना 'थैंक यू नेचर' की टीम को मिली. टीम के सदस्य अजय वर्मा और शिवम सेन तत्काल वहां पहुंचे.
टीम के सदस्यों ने सांप की पहचान इंडियन एग ईटर के रूप में की. सांप का रेस्क्यू कर इसकी सूचना वन परिक्षेत्राधिकारी विधि सिरोलिया को दी गई और उसे वन विभाग कार्यालय लाया गया जहां पर रेंजर सिरोलिया ने प्राथमिक तौर पर सांप की प्रजाति इंडियन एग ईटर होने की पुष्टि की.
रेंजर ने बताया कि यह सांप बहुत ही कम देखने को मिलता है. इस क्षेत्र में पहली बार मिला है, जिस वजह से इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. सांप मिला है तो यह गहन अध्ययन का विषय है. मण्डलेश्वर में मिले सांप की लंबाई साढ़े 25 इंच है. यह वयस्क है. एशिया में केवल यही सांप, अंडे खाने वाला है.
थैंक यू नेचर के सुशील तारे ने बताया एशिया में केवल यह सांप ही है जिसका आहार सिर्फ चिड़िया के अंडे हैं. अंडों के अलावा यह कुछ नहीं खाता है. इस वजह से इसे एग ईटर कहा जाता है. प्रायः ये सांप जंगल में पाया जाता है. प्राकृतिक आवास घटने से वन्य जीव रिहायशी इलाकों में आ जाते हैं. खास बात यह है कि यह मध्य प्रदेश में आधिकारिक तौर पर यह सांप दूसरी बार मिला है. इससे पूर्व में ये सांप मुरैना में मिला था.