लद्दाख में चीन और जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान से लगातार बढ़ते तनाव के बीच भारत सरकार तीनों सेना को और मजबूत करने में जुटी हुई. सेना को नए और आधुनिक हथियारों से लैस किया जा रहा है ताकि देश किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए हमेशा पूरी तरह तैयार रहे. शायद यही वजह है कि बीते दो महीने में थल सेना, वायु सेना और नेवी के लिए 12 मिसाइलों और हथियारों की टेस्टिंग की गई है. गर्व की बात यह है कि इन परीक्षणों में 100 फीसदी सफलता हासिल हुई है.
भारतीय नौ सेना ने शुक्रवार को अपनी ताकत में और इजाफा करते हुए एंटी-शिप मिसाइल का सफल परीक्षण किया. इस मिसाइल की सफल टेस्टिंग की वजह से अब हमलावर जंगी जहाजों को नौ सेना आसानी से निशाना बना सकती है.
एंटी शिप मिसाइल का यह परीक्षण बंगाल की खाड़ी में किया गया जहां मिसाइल ने अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल करते हुए पूरी सटीकता के साथ लक्ष्य को भेद कर उसे तबाह कर दिया. जिस जहाज पर निशाना लगाया गया उसके परखच्चे उड़ गए.
आत्मनिर्भर भारत अभियान को बल देते हुए भारतीय सुरक्षा और रिसर्च एजेंसियों ने बीत दो महीने में दुनिया को अपनी ताकत दिखाई है. भारतीय बलों के लिए हर पांचवें दिन कोई ना कोई नए हथियार का परीक्षण किया गया जिसमें 100 फीसदी सफलता हासिल हुई है.
भारत ने 7 सितंबर को लॉन्ग रेंज मिसाइल हाइपरसोनिक टेक्नो लॉन्चर व्हीकल का परीक्षण किया. इसके बाद 22 सितंबर को एचईटी व्हीकल का परीक्षण किया जो टारगेट को भेदने में मदद करता है.
23 सितंबर को भारतीय एजेंसियों ने लेजर गाइडेड एंटी टैंक मिसाइल का परीक्षण किया. उसी दिन पृथ्वी 2 मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया जो 500 किलोमीटर तक मार करने सक्षम है.
30 सितंबर को भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल की बढ़ी हुई रेंज के साथ परीक्षण किया जो पूरी तरह सफल रहा था. 1 अक्टूबर को लेजर निर्देशित एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल की टेस्टिंग की गई.
वहीं 3 अक्टूबर को परमाणु हथियार की क्षमता वाली शौर्य मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया. 5 अक्टूबर को भारतीय नौ सेना ने स्मार्ट टारपीडो सिस्टम का सफल परीक्षण किया. टारपीडो से समुद्र के अंदर दुश्मनों की पनडुब्बी को निशाना बनाया जाता है.
10 अक्टूबर को भारत ने रूद्रम 1 नाम के एंटी रेडिएशन मिसाइल का सफल परीक्षण किया जबकि 18 अक्टूबर को नौ सेना के लिए ब्रह्मोस का सफल परीक्षण किया गया. 22 अक्टूबर को भारतीय रक्षा एजेंसियों ने एंटी टैंक मिसाइल नाग का सफल परीक्षण किया.