आज राफेल (Rafale) भारत अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर आधिकारिक रूप से तैनात किया जाएगा. इसके आते ही भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ जाएगी. क्योंकि हमारे दोनों ही पड़ोसी देशों यानी चीन और पाकिस्तान के पास ये खतरनाक फाइटर जेट नहीं हैं. इतना ही नहीं इसमें लगे हथियारों की कोई काट पाकिस्तान और चीन के पास नहीं है. राफेल का सबसे खतरनाक हथियार है स्कैल्प पीएल-15 एमराम मिसाइल. जिससे पड़ोसी दुश्मन देशों की हालत खराब हो जाएगी. पाकिस्तान के पास अमेरिका से खरीदा हुआ F-16 फाइटर जेट है, तो चीन के पास अपना बनाया हुआ जे-20 लड़ाकू विमान है.
पाकिस्तान का एफ-16 फाइटर जेट तो भारतीय राफेल के आगे कहीं नहीं टिकता. लेकिन चीन का जे-20 फाइटर जेट कई मामलों में राफेल को टक्कर देता है. लेकिन चीन के फाइटर जेट का जवाब भी हमारे पास है. हमारे राफेल में ऐसे हथियार हैं जो पलक झपकते ही दुश्मन को मौत की नींद सुला दें. राफेल को आता देख दुश्मन को काल दिखाई दे. आइए जानते हैं कि राफेल (Rafale) कैसे पाकिस्तान के एफ-16 और चीन के जे-20 से बेहतर है.
राफेल (Rafale) का कॉम्बैट रेडियस यानी अपनी उड़ानस्थल से जितनी दूर विमान जाकर सफलतापूर्वक हमला कर लौट सकता है, उसे विमान का कॉम्बैट रेडियस कहते हैं. राफेल (Rafale) का कॉम्बैट रेडियस 3700 किलोमीटर है. जबकि, एफ-16 का 4200 किलोमीटर है. वहीं, जे-20 का 3400 किलोमीटर है.
राफेल में तीन तरह की मिसाइलें लगेंगी. हवा से हवा में मार करने वाली मीटियोर मिसाइल. हवा से जमीन में मार करने वाल स्कैल्प मिसाइल. तीसरी है हैमर मिसाइल. इन मिसाइलों से लैस होने के बाद राफेल काल बनकर दुश्मनों पर टूट पड़ेगा.
राफेल में लगी मीटियोर मिसाइल 150 किलोमीटर और स्कैल्फ मिसाइल 300 किलोमीटर तक मार कर सकती है, जबकि, HAMMER यानी Highly Agile Modular Munition Extended Range एक ऐसी मिसाइल हैं, जिनका इस्तेमाल कम दूरी के लिए किया जाता है. ये मिसाइल आसमान से जमीन पर वार करने के लिए कारगर साबित हो सकती हैं.
पाकिस्तान की एफ-16 सिर्फ एमराम मिसाइलें हैं. जो सिर्फ 100 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं. चीन के जे-20 जेट में 300 किमी तक मार करने वाली पीएल-15 मिसाइलें और 400 किलोमीटर तक मार करने वाली पीएल-21 मिसाइल लगी है.
राफेल ऊंचाई हासिल करने के मामले में पाकिस्तान के एफ-16 से बहुत आगे है. पाकिस्तानी एफ-16 का रेट ऑफ क्लाइंब 254 मीटर प्रति सेकंड है. राफेल का रेट ऑफ क्लाइंब 300 मीटर प्रति सेकंड है. जबकि, चीन के जे-20 की 304 मीटर प्रति सेकंड है.
राफेल एक मिनट में 18 हजार मीटर की ऊंचाई पर जा सकता है. पाकिस्तानी एफ-16 एक मिनट में 15,240 मीटर और चीन का जे-20 एक मिनट में 18,240 मीटर की ऊंचाई पर जा सकता है.
चीन के जे-20 फाइटर जेट की स्पीड 2100 किलोमीटर प्रति घंटा है. पाकिस्तानी एफ-16 की गति 2414 किलोमीटर प्रति घंटा है. जबकि, भारतीय राफेल की गति 2450 किलोमीटर प्रतिघंटा है. यानी ध्वनि की गति से दोगुनी स्पीड.
राफेल ओमनी रोल लड़ाकू विमान है. यह पहाड़ों पर कम जगह में उतर सकता है. इसे समुद्र में चलते हुए युद्धपोत पर उतार सकते हैं. राफेल चारों तरफ निगरानी रखने में सक्षम है. इसका टारगेट अचूक होगा.
360 डिग्री विजिबिलिटी की वजह से पायलट को बस विरोधी को देखना है और बटन दबा देना है, बाकी काम कंप्यूटर कर लेगा. राफेल (Rafale) विमान एक बार में करीब 26 टन (26 हजार किलोग्राम) वजन ले जा सकता है. राफेल महज एक मिनट में 36 से 60 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. एक बार फ्यूल भरने पर यह लगातार 10 घंटे की उड़ान भर सकता है.
राफेल पर लगी गन एक मिनट में 2500 फायर करने में सक्षम है. राफेल में जितना तगड़ा रडार सिस्टम है उतना एफ-16 में नहीं है. राफेल का रडार सिस्टम 100 किलोमीटर के दायरे में एकबार में एकसाथ 40 टारगेट की पहचान कर सकता है जबकि पाकिस्तानी एफ-16 का रडार 84 किलोमीटर के दायरे में केवल 20 टारगेट को ही पहचान सकता है.