आपने मछलियां तो बहुत देखी और खाई होंगी लेकिन क्या कभी किसी बाजार में 60 किलो की एक मछली देखी है. आपका जवाब होगा शार्क को छोड़कर भला और कौन सी प्रजाति की इतना विशालकाय मछली हो सकती है? जी हां छत्तीसगढ़ में एक ऐसी भी मछली पाई जाती है जिसका वजन 150 किलोग्राम से भी ज्यादा होता है.
इस खास मछली का नाम बोध है जो छत्तीसगढ़ के इंद्रवाती नदी में पाई जाती है. हालंकि लगातार पकड़ कर बेचे जाने की वजह से इस मछली की प्रजाति ही विलुप्त होने के कगार तक पहुंच चुकी है. बता दें कि इस मछली को बस्तर का शार्क भी कहा जाता है.
यह मछली खास तौर पर बस्तर की इंद्रावती नदी पर स्थित विश्व प्रसिद्ध जल प्रपात चित्रकोट के नीचे पाई जाती है. इसे कैटफिश के नाम से भी जाना जाता है. बोध मछली का वैज्ञानिक नाम बोमरियस है. यह मछली जीवट होती है और पानी के बाहर भी लंबे समय तक जीवित रहती है इसलिए इसके शौकीन खरीदार इसे जीवित हालत में ही खरीद लेते हैं.
गर्मी के दिनों में इंद्रावती नदी का जलस्तर नीचे आते ही बड़े पैमाने पर इस मछली को पकड़ने का काम शुरू हो जाता है. लगातार पकड़े जाने की वजह से अब इनकी संख्या तेजी से घटने लगी है. बारसूर बाजार में इसे खुलेआम बेचा भी जाता है. मछली पकड़े जाने के बाद गांव के लोग कुल्हाड़ी से काट कर अपने हिस्से का बंटवारा करते हैं.
बस्तर के मछुआरा संघ ने इस मछली को लगातार पकड़े जाने के बाद कहा है कि बोध मछली क्या है? और इसकी महत्ता क्या है? इस दिशा में कभी गंभीरता से काम नहीं किया गया. जल्द इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो यह प्रजाति खत्म हो जाएगी.