झारखंड के जमशेदपुर में एक ऐसा कैफे खुला है. जहां पर करीब 12 देशों की चाय मिलती है और इस शानदार कैफे में आप 100 रुपये से लेकर 800 रुपये तक की चाय पी सकते हैं. कैफे की सबसे खास बात यह कि इसमें काम करने वाले कर्मचारी न बोल सकते हैं और न ही सुन सकते हैं. वो सिर्फ इशारों में ग्राहकों से ऑर्डर लेते हैं और उन्हें उनकी पसंद की चाय पिलाते हैं.
'ला ग्रैविटी' नाम के इस कैफे में जापान, कोरिया, चीन, फ्रांस, श्रीलंका, वियतनाम, केन्या, कंबोडिया, साउथ अफ्रीका, अर्जेंटीना, ब्राजील, नेपाल समेत 12 देशों की चाय मिलती है. भारत की असम टी और दार्जिलिंग की चाय भी लोग यहां दूर-दूर से पीने के लिए आते हैं. सिर्फ दूध से 26 तरह की चाय स्पेशल लोग इस कैफे में बनाते हैं.
इस कैफे में काम करने वाले 12 लोग बोलने-सुनने में असमर्थ हैं. ग्राहकों से ऑर्डर से लेकर पैसों का हिसाब-किताब भी यही लोग रखते हैं. इस कैफे के संचालक अविनाश दुग्गल का कहना है कि वो रोज सुबह अपनी टीम के साथ एक प्रार्थना करते हैं कि 'हम होंगे कामयाब एक दिन, मन में है विश्वास' फिर अपने दिन की शुरुआत करते हैं.
इस कैफे को बहुत खूबसूरत तरीके से डिजाइन किया गया है. इसकी सजावट हर उम्र के लोगों को ध्यान में रखकर की गई है. यहां पर आपको कॉलेज वाली मसालेदार चाय, ऑफिस की कड़क चाय, पड़ोस वाली मीठी चाय, होटल वाली हॉट चाय और फाइव स्टार होटल वाली महंगी चाय भी मिलेगी.
कैफे के मालिक अविनाश दुग्गल ने बताया कि उनके कैफे में काम करने वाले 12 लोग बोलने-सुनने में असमर्थ हैं, हमने इन्हें रोजगार दिया है. इन सभी को कोरोना वैक्सीन लग गई है. तीन लड़की और 9 लड़कों का स्टाफ है. ये सभी ग्राहकों से अपने ही अंदाज में ऑर्डर लेते हैं और उन्हें चाय देते हैं. हमारे यहां पर 100 रुपये से लेकर 800 रुपये तक की चाय मिलती है.
इसके अलावा अविनाश ने उन्हें बताया कि एक बार उनकी दुकान पर एक लड़की आई, जिसे नौकरी के लिए बार-बार रिजेक्ट कर दिया जाता था. फिर उसके भाई ने बताया कि वो सुन नहीं सकती है, इसलिए उसे नौकरी नहीं मिल रही है. फिर उन्होंने सोचा कि क्यों न ऐसे लोगों को नौकरी दी जाए. इसके लिए उन्होंने पहले साइन लैंग्वेज सीखी. यहां से उन्होंने एक नए सफर की शुरुआत की.
इस कैफे में 150 तरह की चाय मिलती है, यहां पर चाय के अलावा कॉफी, केक, पिज्जा, पेस्ट्री भी मिलती है. यहां पर मिलने वाली सभी चीजें स्पेशल लोग ही बनाते हैं.